शेयर बाजार को बाजार बंद होने से पहले यह पता था। मुद्रा बाजार को इस बात का पक्का अंदाजा था। बैंकों को भी मालूम था कि ऐसा होने जा रहा है। इसलिए रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को शेयर बाजार, मुद्रा बाजार और बैंकों में सन्नाटा छाने के बाद सीआरआर (नकद आरक्षित अनुपात) में कमी कर दी तो हर कोई बड़ा सुकून महसूस कर रहा है। तसल्ली थोड़ी और भी इसलिए बढ़ गई क्योंकि जहां अपेक्षा सीआरआर मेंऔरऔर भी

नए वित्त वर्ष 2012-13 का आम बजट शुक्रवार, 16 मार्च को पेश होगा। उसके एक दिन पहले 15 मार्च को दो चीजें बजट का माहौल व पृष्ठभूमि बनाएंगी। एक तो आर्थिक समीक्षा और दो, रिजर्व बैंक की मध्य-तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा। पूरी उम्मीद है कि उस दिन रिजर्व बैंक नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 5.50 फसीदी से आधा फीसदी घटाकर 5 फीसदी कर देगा। लेकिन सारा कुछ रिजर्व बैंक के गवर्नर दुव्वरि सुब्बाराव की सोच से तयऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत बैंकों को शाम को धन उपलब्ध कराने की खिड़की बंद कर दी थी। लेकिन इस हफ्ते के पहले दो दिनों में बैंकों ने जिस तरह एलएएफ के तहत भारी रकम उठाई, उसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने यह विशेष सुविधा दोबारा शुरू करने का फैसला किया है। अब 16 दिसंबर तक बैंक हर कामकाजी दिन में शाम 4.15 बजे रिजर्व बैंक से रेपो दर पर सरकारीऔरऔर भी