पूर्ण-अपूर्ण
इंसानों की बनाई इस दुनिया में कुछ भी पूर्ण नहीं। अपनी समझ से सब कुछ सही करते हुए भी हम गलत मोड़ पर पहुंच सकते हैं। तरीका सही, जवाब एकदम गलत। लेकिन इस तरह हम अपनी सोचने की प्रक्रिया को माजते हुए जरूर पूर्ण बना सकते हैं।और भीऔर भी
चिंता कल की
कल जो हुआ, सो हुआ। कल क्या होगा, चिंता इसकी है। कारण, करने व सोचने का तरीका एकदम सही होने के बावजूद हम गलत साबित हो सकते हैं क्योंकि हम अतीत को नहीं, बल्कि भविष्य को साध रहे होते हैं और भविष्य में हमेशा रिस्क होता है।और भीऔर भी
सफलता की सोच
दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं। न मौसम और न ही सरकार। ज़िंदगी में भी कुछ स्थाई नहीं। न सुख और न ही दुख। सब कुछ निरंतर बदलता रहता है। इसलिए जीवन में सफलता से आगे बढ़ने का एक ही तरीका है कि हम इस सच को स्वीकार कर लें।और भीऔर भी