एक हम ही तुर्रमखां नहीं हैं यह काम करनेवाले। दूसरे भी बहुत-से हैं जो इसी वक्त यह काम बड़ी शिद्दत से कर रहे होंगे। यह सोच एक तो हमारा गुमान तोड़ती है। दूसरे अकेलेपन की घबराहट भी मिटा देती है।और भीऔर भी