थोक के भाव खरीदना और रिटेल के भाव बेचना। इनवेंट्री कम से कम रखना। वॉलमार्ट से लेकर आम व्यापारी के मुनाफे का यही सलीका है। शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग से मुनाफा कमाने का भी यही सूत्र है। लेकिन हम करते हैं इसका उल्टा। यहां-वहां की एनालिसिस छलावा है। कुछ कौड़ियां पकड़ाकर वो महज भटकाती है। असल मुद्दा यह है कि शेयरों के थोक भाव और रिटेल भाव को पकड़ा कैसे जाए? बताएंगे आपको। पहले आज का बाज़ार।औरऔर भी

सोचिए, कभी ऐसा हो जाए कि आपके घर में और आसपास जो भी अच्छी चीजें हैं, जिनसे आपका रोज-ब-रोज का वास्ता पड़ता है, जिनकी गुणवत्ता से आप भलीभांति वाकिफ हैं, उन्हें बनानी वाली कंपनियों में आप शेयरधारक होते तो कैसा महूसस करते? कंपनी के बढ़ने का मतलब उसके धंधे व मुनाफे का बढ़ना होता है और मुनाफा तभी बढ़ता है जब ग्राहक या उपभोक्ता उसके उत्पाद व सेवाओं को पसंद करते हैं, उनका उपभोग करते हैं। आपकीऔरऔर भी

प्याज की कीमतों ने कम होने की एक झलक दिखलाई और फिर से बढ़ गईं। अब टमाटर अपना रंग दिखा रहे हैं। राजधानी दिल्ली में टमाटर 60 रुपए प्रति किलो तक पहुँच गया है। ऐसा उपलब्धता में कमी और पाकिस्तान को निर्यात के कारण हुआ है। अन्य महानगरों में भी यही हाल है। मुंबइ में भी टमाटर की कीमतें बढ़कर 36-48 रुपए तक पहुँची हैं। आज़ादपुर की थोक मंडी में टमाटर की कीमतें 15-30 रुपए चल रहीऔरऔर भी