देश की रक्षा कौन करेगा? हम करेंगे, हम करेंगे, हम करेंगे! गांवो, कस्बों और शहरों के हिंदी माध्यम स्कूलों में बच्चे यह नारा लगाकर ही बड़े होते हैं। कहीं और नौकरी नहीं मिली और सेना में भर्ती हो गए तो सीमा पर हंसते-हंसते शहीद हो जाते हैं। मां-बाप, बीवी-बच्चे बिखर जाते हैं, बिलखते जरूर हैं। पर घर-परिवार, नाते-रिश्तेदार उन पर गर्व करते हैं। इलाके में उनके नाम पर सड़क और विद्यालय बन जाते हैं। लेकिन भावना सेऔरऔर भी