केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को निजी क्षेत्र के साथ मिलकर संयुक्त उद्यम लगाने के दिशानिर्देशों को शुक्रवार को पारित कर दिया। कहा गया है कि ऐसे संयुक्त उद्यम को सुनिश्चित करना पड़ेगा कि राष्‍ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्‍वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाएगा। दिशानिर्देशों के मुताबिक संयुक्‍त उद्यम भागीदार के चयन में निष्‍पक्षता और पारदर्शिता बरती जानी चाहिए। इससे सरकारी कंपनी से निकलने का भी स्पष्ट प्रावधान होना चाहिए। संयुक्‍त उद्यम काऔरऔर भी

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में निदेशक बोर्ड के स्तर की भर्तियों के मामले में दिशानिर्देश में संशोधन किया है। इससे केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के कामकाज में सुधार में मदद मिलेगी। लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) द्वारा जारी नए दिशानिर्देश के अनुसार निदेशक बोर्ड स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया पद खाली होने की अनुमानित तिथि से 16 महीने पहले शुरू कर दी जाएगी। पहले यह प्रक्रिया एक साल पहले शुरू होती थी। इसके तहतऔरऔर भी

अभी पिछले ही हफ्ते शनिवार, 11 फरवरी को बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए (इरडा) ने जीवन बीमा कंपनियों के एजेंटों के बारे में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं और आज, 15 फरवरी को इन्हीं दिशार्निदेशों का संबंधित हिस्सा साधारण या गैर-जीवन बीमा एजेंटों पर भी लागू कर दिया। नए दिशानिर्देश 1 जुलाई 1011 से लागू होंगे। इनके अनुसार साधारण या जीवन बीमा कंपनी के कर्मचारी का कोई भी नाते-रिश्तेदार उस कंपनी का बीमा एजेंट नहीं बन सकता। नाते-रिश्तेदारऔरऔर भी

बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए (इरडा) ने शुक्रवार, 22 अक्टूबर की रात से यूनिवर्सल लाइफ प्लान (यूएलपी) पर रोक लगा दी है। यह रोक फिलहाल 4 नवंबर को इरडा के अंतिम दिशानिर्देश आने तक जारी रहेगी। इरडा ने आनन-फानन में गुरुवार को बीमा कंपनियों को एक सर्कुलर भेजकर यह इत्तला दी है। लेकिन खुद इरडा ने ही करीब साल भर पहले 80 फीसदी कमीशन वाले रिलायंस लाइफ के यूएलपी – रिलायंस सुपर इनवेस्टमेंट प्लान को मंजूरी थी। इसकेऔरऔर भी

सारी लिस्टेड मीडिया कंपनियों को बताना होगा कि कॉरपोरेट क्षेत्र के साथ उन्होंने किस तरह की ‘प्राइवेट ट्रीटी’ कर रखी है। पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की सहमति ने यह नियम बना दिया है। सेबी का कहना है कि बहुत सारे मीडिया समूहों ने कंपनियों के साथ गठबंधन कर रखे हैं। खासकर ऐसे रिश्ते उन कंपनियों के साथ हैं जो पहले से लिस्टेड हैं या पब्लिक ऑफर लानेवाली हैं। ये कंपनियां कवरेजऔरऔर भी

वित्त मंत्री ने इस साल 26 फरवरी को अपने बजट भाषण में नए बैंकों को लाइसेंस देने की बात कही थी, तभी से बाजार में कयास लगाए जाने लगे थे कि किस-किस कंपनी को बैंकिंग लाइसेंस मिल सकता है। इसके बाद रिजर्व बैंक ने 20 अप्रैल को सालाना मौद्रिक नीति में कहा कि वह जुलाई के अंत तक इस बारे में दिशानिर्देश जारी कर देगा। लेकिन जुलाई के बीत जाने के दस दिन बाद रिजर्व बैंक नेऔरऔर भी

यूलिप पर पूंजी बाजार नियामक संस्था सेबी और बीमा नियामक संस्था आईआरडीए (इरडा) की तकरार का नतीजा भले ही कानून बनाकर इरडा को बचाने के रूप में सामने आया हो, लेकिन इसने इरडा को पॉलिसीधारकों के प्रति ज्यादा जबावदेह बनने को मजबूर कर दिया है। वह लगातार नए-नए कदम उठा रही है। ताजा दिशानिर्देश में उसने तय किया है कि जीवन बीमा और साधारण बीमा कंपनियों को पॉलिसीधारकों की शिकायतों की निपटारा तीन दिन से लेकर दोऔरऔर भी

हमारे देश में कुछ चीजें इतनी महीन तरीके से हो जाती हैं कि किसी को आभास ही नहीं होता कि इसमें कुछ गड़बड़ भी है। जैसे, बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना जारी कर तय कर दिया कि कंपनियों द्वारा जारी किए जानेवाले एक साल तक के अपरिवर्तनीय डिबेंचरों (एनसीडी) में न्यूनतम निवेश 5 लाख रुपए का होगा। इसके बाद यह निवेश एक-एक लाख करके बढ़ाया जा सकता है। हालांकि यह नियम एनसीडी के प्राइवेटऔरऔर भी

देश की अदालतों में इस समय चेक बाउंस के 38 लाख से ज्यादा मामले दाखिल हैं।  इनसे आजिज आकर अब सुप्रीम कोर्ट ने आउट-ऑफ-कोर्ट निपटारे के लिए दिशानिर्देश बना दिए हैं। चेक बाउंस को 1989 में दंडनीय अपराध माना गया और 2002 से इसमें समरी ट्रायल का प्रावधान किया गया। अब तय हुआ है कि अगर जिसका चेक बाउंस हुआ है, वह निचली अदालत के फैसले को चुनौती देता है तो उस पर दंड की रकम बढ़तीऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने आज क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के लिए नए दिशानिर्देश जारी कर दिए। इसमें ऐसा तो नहीं है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां रेटिंग के साथ-साथ एनॉलिस्ट और सलाह देने की सेवाएं नहीं दे सकती हैं, लेकिन सेबी ने इतना जरूर तय कर दिया है कि एजेंसी में वे लोग जो किसी कंपनी को रेटिंग देते हैं, विश्लेषण या सलाहकार सेवाएं देनेवालों से अलग होने चाहिए। सेबी ने यह भी तय किया है किऔरऔर भी