भोर होने को है। घर की छोटी-बड़ी औरतें हर कोने-अंतरे में जाकर सूप पीटकर एकस्वर में कहती हैं – ईशर आवएं, दलिद्दर जाएं। पता नहीं कि उनका ईशर कोई ईश्वर है या ऐश्वर्य। लेकिन दलिद्दर में दुख देनेवाली हर चीज़ का समावेश है। चाहे वो बीमारी हो, निर्धनता हो या कोई झगड़ा-फसाद व क्लेश हो। वे शोर नहीं करतीं। पूरी शांति से इस दारिद्रय को भगाने का अभियान चलातीं, पुरुष और बच्चों की भोर की नींद मेंऔरऔर भी

मैं कोई लंबी-चौड़ी बात नहीं करता। क्या करूं! लंबी नहीं, छोटी नजर है अपनी। साल-दो साल भी नहीं, दस-पंद्रह दिन की सोचता हूं। किसी की टिप्स नहीं, ठोस खबरों पर काम करता हूं। इन्हीं के आधार पर आपको बता रहा हूं कि जागरण प्रकाशन में तेजी आनेवाली है। इसका शेयर दस-पंद्रह दिन में 110 रुपए को पार कर सकता है। यानी, इसमें खटाखट दस फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है। पांच फीसदी तो कहीं नहीं गया।औरऔर भी