अगर बजट में घोषित आयकर कानून का प्रस्तावित संशोधन लागू कर दिया गया तो अब तक हुई सारी दोहरा कराधान बचाव संधियां (डीटीएए) निरस्त हो जाएंगी क्योंकि इन संधियों का मकसद ही खास परिस्थितियों में खास किस्म की आय को टैक्स की कम या शून्य दरों का फायदा देना है। भारत सरकार ने 82 देशों के साथ ऐसी संधियों पर दस्तखत कर रखे हैं। इनमें मॉरीशस ही नहीं, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन, ब्रिटेन, बांग्लादेश और नेपालऔरऔर भी

भारत ने दुनिया के 79 देशों के साथ दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) कर रखी है। इसमें मॉरीशस व स्विटजरलैंड शामिल हैं। संधि के तहत कंपनी का मूल पता जिस देश का है, वहीं उस पर कैपिटल गेन्स टैक्स लग सकता है। जहां से उसने कमाया है, वहां पर नहीं। हालांकि लाभांश, रॉयल्टी व ब्याज आय पर दोनों ही देशों में टैक्स लगता है। लेकिन टैक्स की दर लाभांश पर 7.5% और ब्याज व रॉयल्टी पर 10%औरऔर भी

मॉरीशस ने बैंकिंग सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए बढ़ते ‘दबाव’ के बीच भारत को पहली बार कर चोरी की जांच में घिरे एक व्यक्ति के बैंक खातों में हुए लेनदेन की जानकारी उपलब्ध कराई हैं। आयकर विभाग इस व्यक्ति के खिलाफ कर चोरी व मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘उन्होंने (मॉरीशस के अधिकारियों ने) एक व्यक्ति से जुड़ी सूचना उपलब्ध कराई है। इस व्यक्ति ने वहांऔरऔर भी

वैश्विक वित्तीय फर्म सिटी ने कहा है कि कर से बचने के लिए विदेश में अवैध रूप से पैसा जमा करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार को अभी बहुत कुछ करना होगा। इसके अनुसार सरकार ने हाल ही में जो कदम उठाए, उनका कुछ असर जरूर हुआ है। सिटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सरकारी प्रयासों के कुछ परिणाम आ रहे हैं। लेकिन विदेश में काले धन के जमा होने सेऔरऔर भी