फिरौती, राजनीति, धर्म और धंधा – चारों में पब्लिक से वसूली की जाती है। फिरौती में फौरी तो राजनीति में स्थाई भय दिखाकर वसूली की जाती है, जबकि धर्म और धंधे में वसूली बड़े प्यार से की जाती है।और भीऔर भी

जो लोग इस दुनिया में सब कुछ जानने का दावा करते हैं, उनसे बड़ा ढोंगी कोई हो नहीं सकता। उनका ढोंग किसी दूसरे के भले के लिए नहीं, बल्कि अपनी सत्ता बनाने और धंधा चलाने के लिए होता है।और भीऔर भी

हर किसी को दूसरे की नहीं, दूसरों की पड़ी है। दूसरे के लिए काम करने से क्या मिलेगा? पर दूसरों को लुभा लिया तो धंधा जम जाएगा। दूसरों को साधने में दूसरे के गायब हो जाने का यह रहस्य वाकई गजब है।और भीऔर भी

कोई मूर्खता में झूठ बोले तो चलता है। लेकिन जो लोग जानबूझ कर झूठ बोलते हैं, कितना बड़ा कलेजा होता होगा उनके पास! पर क्या करें? कुछ लोगों का धंधा और पापी पेट झूठ बोलकर ही चलता है।और भीऔर भी

थोक व्यापारी हो या फिर खुदरा दुकानदार, विश्व कप क्रिकेट के बुखार के चलते सबका धंधा मंदा हो गया है। खासकर टीम इंडिया के मैच के दिन तो बाजार से खरीदार पूरी तरह ‘गायब’ हो जाते हैं। राजधानी दिल्ली में सामान्य दिनों में जहां औसतन कारोबार 500 करोड़ रुपए का रहता है, वहीं टीम इंडिया के मैच के दिन यह घटकर 300 करोड़ रुपए पर आ जाता है। अब चूंकि विश्व कप का नॉकआउट दौर शुरू होऔरऔर भी