बाज़ार कस के गिरेगा दो हफ्ते बाद
विद्वानों के मुताबिक कई तरह के संकट भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहे हैं। यूरो ज़ोन के संकट का खिंचना इस पर भारी पड़ेगा। मनमोहन सिंह की सरकार नीतिगत फैसलों में पंगु बनी हुई है। यूपीए गठबंधन में ममता ने ऐसा बवाल मचा रखा है कि सरकार को राष्ट्रीय आंतकवादी विरोधी केंद्र (एनसीटीसी) तक पर झुकना पड़ रहा है। ऊपर से घोटाले हैं कि थमने का नाम तक नहीं ले रहे। कोयला तो काला था ही। पवित्र गायऔरऔर भी
चौंको तो सही
जानने की शुरुआत चौंकने से होती है। जिस दिन हम चौंकना बंद कर देते हैं, उसी दिन से नया जानने की सिलसिला रुक जाता है। ज्ञान की धारा अवरुद्ध हो जाती है। इसलिए चौंकना कभी मत छोड़िए।और भीऔर भी
धारा आती-जाती
हर विचारधारा की उम्र होती है। किसी की कम तो किसी की थोड़ी ज्यादा। इसके बाद स्वार्थों के पैमाने में कसकर वे अपना सारतत्व खो देती हैं। इसीलिए पुरानी को तोड़ नई विचारधाराएं आती रहती हैं।और भीऔर भी
धारा विचार की
विचार जब तक धारा का हिस्सा हैं, तब आप उनमें गोता लगाकर आगे से आगे बढ़ते चले जाते हैं। लेकिन विचारधारा में बंधते ही आपका बढ़ना रुक जाता है और यथार्थ आपकी मुठ्ठी से फिसलने लगता है।और भीऔर भी
हमारी ही छाप
दुनिया के हर नए-पुराने विचार पर इंसान की छाप है। जिस तरह सुदूर पहाड़ों से धारा के साथ बहता आ रहा पत्थर नीचे पहुंचकर शिव बन जाता है उसी तरह इंसानी विचार भी एक दिन ईश्वरीय बन जाते हैं।और भीऔर भी
धारा की अंतर्धारा
जो धारा की सतह को देखते-समझते हैं, आज उनका है। लेकिन जो सतह के नीचे चल रही अंतर्धाराओं को अभी से देख लेते हैं, कल उन्हीं का है। भविष्य कहीं आसमान से नहीं टपकता। वह वर्तमान के गर्भ से ही उपजता है।और भीऔर भी