तीन साल तीन महीने पहले सत्यम कंप्यूटर घोटाले के उजागर होने के बाद देश में कॉरपोरेट गवर्नेंस का शोर जोर-शोर से उठा था। कंपनियों के निदेशक बोर्ड में निष्पक्ष व स्वतंत्र सदस्यों की बात उठी थी। लेकिन अभी तक सैकड़ों सेमिनारों और हज़ारों बयानों के बावजूद जमीनी हकीकत पर खास फर्क नहीं पड़ा है। यह पता चला है कॉरपोरेट जगत पर नजर रखनेवाली दो शोध संस्थाओं हंट पार्टनर्स और वैल्यू-नोट्स की ताजा रिपोर्ट से। इस रिपोर्ट केऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों से लेकर क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी तक के स्वामित्व व स्वरूप पर अपनी अंतिम नीति जारी कर दी है। सेबी के बोर्ड ने सोमवार को अपनी बैठक में बिमल जालान समिति की सिफारिशों के आधार पर नीतिगत फैसले लिए हैं। तय हुआ है कि किसी भी स्टॉक एक्सचेंज की 51 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी पब्लिक के पास होगी। कोई भी स्टॉक एक्सचेंज अपने यहां खुद को लिस्ट नहीं करा सकता।औरऔर भी

रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक बोर्ड ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुरूप शुक्रवार को कंपनी के 12 करोड़ शेयर वापस खरीदने का फैसला कर लिया। शेयरों को वापस खरीदने का अधिकतम मूल्य 870 रुपए प्रति शेयर रखा गया है। यह मूल्य शुक्रवार, 20 जनवरी को एनएसई में शेयर के बंद भाव 792.65 रुपए से 9.76 फीसदी ज्यादा है। कंपनी ने तय किया है कि वह खुले बाजार से अपने शेयरों की इस वापस-खरीद या बायबैक पर ज्यादा सेऔरऔर भी

रिलायंस इंडस्ट्रीज को बाजार का किंग यूं ही नहीं कहा जाता। धीरूभाई के जमाने से ही कंपनी अपने शेयरों को ज्यादा दबने नहीं देती। इसलिए उसके लाखों शेयरधारक हमेशा खुश ही रहते आए हैं। इधर उसका शेयर चालू वित्त वर्ष 2011-12 की तीन तिमाहियों में 35.5 फीसदी का गोता लगा गया तो यह रिलायंस की शेयरधारक संस्कृति के खिलाफ था। सो, धीरूभाई की विरासत के अनुरूप मुकेश अंबानी ने तय कर लिया कि कंपनी अपने शेयर वापसऔरऔर भी

केके बिड़ला समूह की कंपनी चंबल फर्टिलाइजर्स ने बुधवार को सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित किए। कंपनी के निदेशक बोर्ड के कुछ फैसले भी किए। लेकिन इनमें से किसी बात से आहत होकर कंपनी का शेयर एक दिन में 13 फीसदी से ज्यादा गिर गया। एनएसई में इसका दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर 13.02 फीसदी गिरकर 88.15 रुपए और बीएसई में 13.46 फीसदी गिरकर 87.45 रुपए पर बंद हुआ। इसकी दो स्पष्ट वजहें हैं। एक तोऔरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की शीर्ष तेल उत्खनन कंपनी ओएनजीसी का एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) लगता है कि अगस्त में ही नहीं आ पाएगा। इसका लगभग 11,500 करोड़ रुपए का एफपीओ इस साल मार्च से पहले ही आना था। फिर कहा गया कि यह अप्रैल में आएगा। इसके बाद टाल कर जुलाई किया गया। और, अब कहा जा रहा है कि जून 2011 की तिमाही के नतीजों की घोषणा के बाद ही इस पर विचार किया जा सकता है।औरऔर भी

देश के तकरीबन सारे परिवार वित्तीय रूप से बीमार हैं। यह कहना है कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के निदेशक बोर्ड की इकलौती महिला सदस्य और ब्रोकर फर्म असित सी मेहता की प्रबंध निदेशक दीना मेहता का। उनके मुताबिक, “आज के दौर में महिलाओं और बच्चों को वित्तीय क्षेत्र से दूर रखना कोई भी परिवार गवारा नहीं कर सकता। अपनी बचत फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में रखने से कुछ नहीं होनेवाला क्योंकि मुद्रास्फीति आपके पैसे को खा जाती है।औरऔर भी

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी एसकेएस फाइनेंस के नवनियुक्त सीईओ और प्रबंध निदेशक एम.आर. राव पर कोई भी बडा फैसला लेने से रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि कंपनी के पूर्व सीईओ सुरेश गुरुमणि को बख्रास्त किये जाने के विवादास्पद मामले में अंतिम फैसला आने तक कंपनी के नए सीईओ और प्रबंध निदेशक एम.आर. राव को कोई भी बडा फैसला नहीं ले सकेंगे। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जारी अपने अंतरिम आदेश मेंऔरऔर भी

बिग बी अमिताभ बच्चन जिसके बारे में विज्ञापन करते हैं कि बिनानी सीमेंट सदियों के लिए, वह कंपनी अब शेयर बाजार से रुखसत होने की तैयारी में है। उसकी प्रवर्तक कंपनी बिनानी इंडस्ट्रीज ने कंपनी की पूरी पब्लिक होल्डिंग खरीद कर इसे डीलिस्ट करने का फैसला कर लिया है। बिनानी सीमेंट का निदेशक बोर्ड बुधवार, 6 अक्टूबर को अपनी बैठक में इस फैसले को पास कर चुका है। अब कंपनी के शेयरों के बीएसई और एनएसई सेऔरऔर भी

शेयर तो गिरते-उठते रहते हैं। गिरते हुए बाजार में भी तमाम शेयर बढ़ जाते हैं और बढ़ते हुए बाजार में भी कई शेयर गिर जाते हैं। जैसे, कल एनएसई निफ्टी में 38.40 अंकों की गिरावट आई, लेकिन 447 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। इसी तरह बीएसई सेंसेक्स में 97.76 अंकों की गिरावट के बावजूद 1184 शेयर बढ़ गए। इसलिए सूचकांकों के उठने-गिरने के चक्कर में पड़ने के बजाय यह समझना ज्यादा काम का होता है किऔरऔर भी