केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विदशी बैंकों में अवैध रूप से जमा धन की खोज और वसूली के लिए कानून लागू करनेवाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग की जरूरत पर जोर दिया है। सीबीआई के निदेशक ए पी सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली में कहा, “बहुराष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्ट गतिविधियों में संलिप्त अपराधियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हमें हर स्तर पर एक दूसरे का सहयोग करने की जरूरत है। इसके लिए सभी कानून प्रर्वतनऔरऔर भी

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने तय किया है कि अगर कंपनी के किसी अनुबंध को उसके शेयरधारक आमसभा में विशेष प्रस्ताव लाकर पारित कर देते हैं तो मंत्रालय उसे अपना अनुमोदन ऑनलाइन दे देगा। ऐसा समय की अनावश्यक बरबादी को रोकने के लिए किया गया है। इसके लिए कंपनी एक्ट, 1956 की धारा 297 के तहत प्रावधान किया गया है जिसे 24 सितंबर, 2011 से लागू कर दिया जाएगा। नई प्रक्रिया के तहत तय शुल्‍क देकर अब अनुमोदनऔरऔर भी

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने देश की 1,55,392 कंपनियों को ब्लैक-लिस्ट कर दिया है। इसकी वजह यह है कि इन कंपनियों ने 2006-07 से लेकर अब तक किसी साल की बैलेंस शीट दाखिल नहीं की है। सरकार के इस कदम के बाद ये कंपनियां न तो बैंकों या वित्तीय संस्थाओं के कोई ऋण ले पाएंगी और न ही किसी के साथ कोई नया अनुबंध कर पाएंगी। यह जानकारी खुद कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के सचिव डी के मित्तल नेऔरऔर भी

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में निदेशक बोर्ड के स्तर की भर्तियों के मामले में दिशानिर्देश में संशोधन किया है। इससे केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के कामकाज में सुधार में मदद मिलेगी। लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) द्वारा जारी नए दिशानिर्देश के अनुसार निदेशक बोर्ड स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया पद खाली होने की अनुमानित तिथि से 16 महीने पहले शुरू कर दी जाएगी। पहले यह प्रक्रिया एक साल पहले शुरू होती थी। इसके तहतऔरऔर भी

ग्लोबीकरण का शोर ज्यादा, सच्चाई कम है। अपना देश छोड़कर बाहर पढ़ने जानेवाले छात्रों की संख्या मात्र दो फीसदी है। अपनी मातृभूमि से अलग रहनेवाले लोगों की संख्या मात्र तीन फीसदी है। सीमाओं से बाहर व्यापार के लिए जानेवाले चावल की मात्रा केवल 7 फीसदी है। एस एंड पी 500 सूचकांक में शामिल कंपनियों के निदेशकों में विदेशियों की संख्या महज 7 फीसदी है। दुनिया के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का केवल 20 फीसदी हिस्सा निर्यात सेऔरऔर भी

कृषि कारोबार, सामाजिक क्षेत्र और ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों में हर स्तर के कर्मचारियों के वेतन में 25 से 40 फीसदी तक वृद्धि की जा रही है। इसकी खास वजह है कि इन क्षेत्रों में विकास तेजी से हो रहा है और कंपनियां इससे कर्मचारियों के साथ बांटना चाहती हैं। एग्जीक्यूटिव सर्च फर्म, ग्लोबलहंट के निदेशक सुनील गोयल ने कहा कि कृषि कारोबार, सामाजिक क्षेत्र और ऊर्जा तेजी से बढ़ते क्षेत्र हैं। प्रत्येक क्षेत्र में पिछले सालऔरऔर भी

शायद ऐसा सालों बाद पहली बार हुआ है। पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने निवेशकों की शिकायतों का समाधान न करने के लिए पांच लिस्टेड कंपनियों और उनके निदेशकों पर किसी भी तरह प्रतिभूति बाजार में उतरने या प्रतिभूतियों को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष तरीके से खरीदने-बेचने पर रोक लगा दी है। ये रोक तब जारी रहेगी जब तक ये कंपनियों निवेशकों की शिकायतें सुलझा नहीं देतीं। ये कंपनियां हैं – आशी इंडस्ट्रीज, एईसी एंटरप्राइसेज, सॉलिड कार्बाइड टूल्स,औरऔर भी