छह साल तक चली आनाकानी और लंबी सरकारी प्रक्रिया के आखिरकार चीन ने भारत से बासमती चावल के आयात को मंजूरी दे दी। चीन में इस मामले से संबंद्ध शीर्ष संस्था ने बीते हफ्ते ही घोषणा कर दी कि वह भारत से बासमती चावल के आयात की इजाजत दे रहा है। बता दें कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा चावल बाजार है। वह अभी तक बासमती चावल पाकिस्तान से आयात करता रहा है। साथ ही थाईलैंड सेऔरऔर भी

वाणिज्य मंत्रालय की पहल के चलते निर्यातकों को अपने धंधे की लागत 45 करोड़ डॉलर कम करने में मदद मिली है। वाणिज्‍य व उद्योग राज्‍यमंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने दावोस में बुधवार को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में एक पैनल चर्चा के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंत्रालय के कदमों से निर्यातकों के लिए लेन-देन की कीमत कम हुई है और उन्हेँ लगभग 45 करोड़ डॉलर का फायदा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत उदारीकरणऔरऔर भी

हर चमकनेवाली चीज सोना नहीं होती। है तो यह कहावत, लेकिन चमक के पीछे के सच को समझने में काफी मदद करती है। राजेश एक्सपोर्ट्स की चमक का भी कुछ ऐसा ही मामला है। अभी दस दिन पहले ही उसने सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं। साल भर पहले की तुलना में बिक्री 14.43 फीसदी बढ़कर 5767.03 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 45.21 फीसदी बढ़कर 107.08 करोड़ रुपए हो गया। कंपनी की अधिकांश आय निर्यात सेऔरऔर भी

व्हर्लपूल ऑफ इंडिया का शेयर पिछले एक महीने में 18.87 फीसदी बढ़ा है। 21 मार्च को यह 243 रुपए था और 21 अप्रैल को 288.85 रुपए पर बंद हुआ है। साल भर पहले 22 अप्रैल 2010 को यह 172.55 रुपए पर था। उससे पहले 8 फरवरी 2010 को यह इससे भी नीचे 128 रुपए था। असल में यह शेयर 9 सितंबर 2010 को 338.50 रुपए का उच्चतम स्तर हासिल करने के बाद 2 फरवरी 2011 तक बराबरऔरऔर भी

भारतीय रुपया डॉलर और यूरो जैसी विदेशी मुद्राओं के खिलाफ मजबूत होता जा रहा है। पिछले साल मार्च में रुपए की विनिमय दर प्रति डॉलर 50 रुपए के आसपास थी। लेकिन अब यह 45 रुपए के नीचे जाती दिख रही है। यानी जहां पहले एक डॉलर में 50 रुपए मिलते थे, वहीं अब 45 रुपए ही मिलते हैं। इसने अपनी आय का बड़ा हिस्सा विदेश से हासिल करनेवाली आईटी कंपनियों को परेशान कर दिया है क्योंकि डॉलरऔरऔर भी