विदेशी निवेशक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विश्वास जता रहे हैं। कोल इंडिया, पावरग्रिड कॉरपोरेशन और एनटीपीसी जैसी नौ कंपनियों में हाल के दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की हिस्सेदारी बढ़ी है। पिछले दो साल में आईपीओ लानेवाली 11 सरकारी कंपनियों की शेयरधारिता के ताजा आंकड़ों के अनुसार नौ कंपनियों में चालू वित्त वर्ष 2010-11 की दिसंबर तिमाही में सितंबर तिमाही के मुकाबले एफआईआई की हिस्सेदारी बढ़ी है। हालांकि, ऑयल इंडिया और इंजीनियर्स इंडिया में एफआईआईऔरऔर भी

पावर ग्रिड का पब्लिक इश्यू (एफपीओ) पूरा हो गया और बाजार एक बार फिर करेक्शन के मोड में चला गया। ऐसा लगा जैसे बाजार के लिए और कोई ट्रिगर ही नहीं था और वह बस पावर ग्रिड के इश्यू के बीतने का इंतजार कर रहा था। लेकिन ऐसा है नहीं। बहुत सारे ट्रिगर हैं जिनके आधार पर बाजार की नए सिरे से रेटिंग होती रहेगी। अभी तो चूंकि निफ्टी 6357 को पार नहीं कर पा रहा हैऔरऔर भी

बालासोर एलॉयज (बीएसई कोड – 513142) कल 8.59 फीसदी बढ़कर 35.40 रुपए पर बंद हुआ। औसत वोल्यूम जहां 1.86 लाख शेयरों का रहता था, वहीं कल 4.96 लाख शेयरों में सौदे हुए और जिसमें से 65 फीसदी से ज्यादा डिलीवरी के लिए थे। कंपनी बीएसई में ही लिस्टेड है, एनएसई में नहीं। उसके शेयर ने 16 सितंबर से नए चक्र में प्रवेश किया है। तब यह 27.55 रुपए पर बंद हुआ था। अब तक करीब 28.5 फीसदीऔरऔर भी

डीलर, ट्रेडर और ब्रोकर अपनी स्क्रीन रीडिंग के आधार पर बाजार का रुझान तय करते हैं। स्क्रीन तो दिखा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से एफआईआई की खरीद नदारद है। इसलिए बाजार नीचे फिसल रहा है और करेक्शन के लिए तैयार है। उनकी स्क्रीन रीडिंग से मुझे कोई इनकार नहीं। लेकिन यह अल्पकालिक तरीका है क्योंकि बाजार में अगर दो बजे खरीद शुरू होती है तो यही लोग इस तरह के सिद्धांत गढ़नेवाले अपने गुरुघंटालों काऔरऔर भी

राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति की मैली चादर में अब छेद भी होने लगे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की दो प्रमुख कंपनियों, एनटीपीसी और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ने इन खेलों की स्पांसरशिप के लिए पहले वादा किए गए 60 करोड़ रुपए में से बाकी बचे 40 करोड़ रुपए नहीं देने का फैसला किया है। दोनों कंपनियों के निदेशक बोर्ड ने अपनी-अपनी अलग बैठकों में बुधवार को यह निर्णय लिया। गौरतलब है कि 3 से 14 अक्टूबर तक होनेवालेऔरऔर भी

बाजार शुरुआती बढ़त को टिकाए नहीं रख सका और बाद में सेंसेक्स 100 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। असल में कारोबार के दूसरे हिस्से में उन आवेगी स्टॉक्स में करेक्शन आता ही है जिनमें रिटेल निवेशक ज्यादा खरीद कर चुके होते हैं। मारुति अपनी खोई स्थिति फिर से हासिल कर रहा है। कंपनी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने एक इंटरव्यू में कहा है कि मानेसर के दूसरे संयंत्र में उत्पादन शुरू होऔरऔर भी

सरकारी कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन बिजली ट्रांसमिशन से जुड़े अपने टावरों की बची जगह टेलिकॉम कंपनियों को लीज पर देने जा रही है। इससे उसे बिना कुछ अतिरिक्त खर्च किए नई आय मिलने लगेगी। इसलिए अब कंपनी का मूल्यांकन नए सिरे से हो सकता है और उसके शेयरों में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो सकती है। कंपनी की इस योजना को उसके निदेशक बोर्ड ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह जानकारी खुद कंपनी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशकऔरऔर भी

बाजार तेजी के नए दौर में प्रवेश कर चुका है। वोलैटिलिटी सूचकांक अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 18 फीसदी पर है। रीयल्टी स्टॉक्स की धूम है। दूसरा सेक्टर जिसमें बाजार तेजी की राह पकड़ रहा है, वह है सीमेंट। देखिएगा कि अगले तीन महीनों तक इस सेक्टर के स्टॉक कहां से कहां तक जाते हैं। मैं मानता हूं कि नवंबर से पहले एसीसी चार अंकों में चला जाएगा। बाकी आपको समझना है। निफ्टी सारी रुकावटें तोड़औरऔर भी

सरकारी कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन के एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की मंजूरी मिल गई है। यह एफपीओ कंपनी चालू वित्त वर्ष 2010-11 में ही लाएगी। इसके तहत वह 10 फीसदी नए शेयर जारी करेगी, जबकि सरकारी हिस्सेदारी से 10 फीसदी पुराने शेयर बेचे जाएंगे। कंपनी का आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) सितंबर-अक्टूबर 2007 में 52 रुपए प्रति शेयर के मूल्य पर आया था। इस समय उसका शेयर 101.45 रुपए चल रहा हैऔरऔर भी

रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड (आरएनआरएल) का विलय रिलायंस पावर में होगा। अनिल अंबानी समूह की इन दोनों कंपनियों की तरफ से शेयर बाजार बंद होने के बाद जारी बयान में बताया गया है कि इस सिलसिले में उनके निदेशक बोर्डों की अलग-अलग बैठक रविवार, 4 जुलाई को होगी। इसमें आरएनआरएल के रिलायंस पावर में विलय को मंजूरी दी जाएगी। लेकिन बाजार में इसकी सुगबुगाहट पहले ही शुरू हो गई थी। इसके चलते रिलायंस पावर के शेयर मेंऔरऔर भी