यूं तो हर मां को अपना काना बेटा भी सबसे खूबसूरत लगता है। लेकिन प्रवर्तक को अपनी कंपनी के बारे में ऐसा कोई भ्रम नहीं होता। असल में, प्रवर्तक से ज्यादा अपनी कंपनी की सही औकात कोई नहीं समझता। वह अंदर की सूचनाओं के आधार पर कोई खेल न कर दे, इसीलिए इनसाइडर ट्रेडिंग का नियम बना हुआ है। इसलिए प्रवर्तक अपनी कंपनी के शेयर जिस भाव पर खुद खरीद रहे हों या किसी और को बेचऔरऔर भी

लोग कहे जा रहे हैं, कहे जा रहे हैं, लेकिन नुस्ली वाडिया की ऐतिहासिक कंपनी बॉम्बे डाईंग का शेयर मरा जा रहा है तो मरा ही जा रहा है। हमारे चक्री महाशय तो बॉम्बे डाईंग को लेकर लंबे समय से बुलिश हैं। 21 दिसंबर 2010 को उन्होंने लिखा था कि यह नए साल का ब्लॉक बस्टर साबित होगा और दिसंबर 2011 तक चार अंकों में पहुंच जाएगा। यूं तो वे 31 मार्च 2010 से ही इसे तबऔरऔर भी