हाथियों की दौड़ में मिट्टी की मिट्टी पलीद हो जाती है। हमारे शेयर बाजार का भी यही हाल है। इसलिए अच्छा है जो छोटे निवेशक यहां से गायब हैं। यहां फिलहाल बड़ों की मार चल रही है। एफआईआई, बीमा कंपनियां व म्यूचुअल फंड दूसरों के पैसों पर खेलते हैं तो उन्हें इसके डूबने पर अंदर से कोई तकलीफ नहीं होती। उनके अधिकारियों व कर्मचारियों को मैनेज किए जा रहे फंड के कमीशन से मोटी तनख्वाह मिलती रहतीऔरऔर भी

मित्रों, इस कॉलम में जब भी हम किसी शेयर में निवेश की सिफारिश करते हैं तो अक्सर आगाह करते रहते हैं कि खुद ठोंक-बजाकर देख लेने के बाद ही निवेश करें। जैसे, 11 अप्रैल 2011 को हमने यहां सुप्रीम इंडस्ट्रीज में निवेश की सलाह देने के साथ लिखा था, “कोई कंपनी जब अच्छी तरह में समझ में आ जाए, उसमें भावी विकास की गुंजाइश नजर आए, तभी उसके शेयरों में निवेश करें। हमारे या किसी और केऔरऔर भी