वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को विदेश व्यापार महानिदेशालय (जीडीएफटी) की अधिसूचना के जरिए कपास निर्यात पर तत्काल प्रभाव से जो बैन लगाया था, वह शुक्रवार शाम तक उठा लिया जाएगा। शुरुआती इजाजत 25 लाख गांठों के निर्यात की दी जाएगी। बुधवार को प्रधानमंत्री की हिदायत मिलने के बाद सरकार ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। शाम को वित्त मंत्रालय प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में मंत्रियों का समूह अपनी बैठक में इस पर मोहर लगाने की औपचारिकताऔरऔर भी

कृषि मंत्री शरद पवार के बाद महाराष्ट्र व गुजरात के नेताओं के भी विरोध के चलते प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कपास निर्यात पर रोक लगाने के फैसले की समीक्षा का आदेश दिया है। बता दें कि वाणिज्य मंत्रालय के निर्देश पर विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इसी सोमवार, 5 मार्च को एक अधिसूचना जारी तक देश से कपास के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन अब प्रधानमंत्री ने कहा है कि 9 मार्चऔरऔर भी

कई हफ्तों से चल रही बातचीत के बाद यूरोपीय संघ ने आखिरकार ईरान के तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कर लिया। यूरोपीय संघ के फैसले के बाद 27 देश तुरंत ईरान का तेल खरीदना बंद कर देंगे। सोमवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक के बाद एक अधिकारी ने कहा, “तेल प्रतिबंध लगाने पर राजनीतिक सहमति हो गई है।” बैठक में यूरोपीय संघ के 27 देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया।औरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने शेयर बाजार में अल्गोरिदम ट्रेडिंग को बैन करने की किसी भी संभावना से इनकार किया है। लेकिन इससे जुड़े उत्पादों के तेजी से बढ़ने पर वो चिंतित जरूर है। सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा मे मंगलवार को मुंबई में उद्योग संगठन सीआईआई और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्यूरिटीज मार्केट्स (एनआईएसएम) द्वारा पूंजी बाजार पर आयोजित एक समारोह में यह बात कही। उन्होंने अलग से मीडिया से बात करते हुए कहा, “सेबीऔरऔर भी

महाराष्ट्र में प्याज निर्यात एक राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा था। खासकर नासिक के किसान निर्यात पर प्रतिबंध का विरोध कर रहे थे। इससे डर कर केंद्र सरकार ने 11 दिनों के भीतर ही प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला वापस ले लिया है। बता दें कि रिटेल बाजार में प्याज की कीमत 25 रुपए किलोग्राम पर पहुंचने के बाद सरकार ने इसी महीने 9 सितंबर को प्याज निर्यात पर रोक लगा दी थी। मंगलवारऔरऔर भी

बाजार दो दिन की हिचकी के बाद फिर बढ़ गया। सेंसेक्स में 1.47 फीसदी तो निफ्टी में 1.45 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। लेकिन अभी यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी कि बाजार सबसे निचले धरातल पर पहुंचने के बाद उठने लगा। हालांकि न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के संकेत साफ नजर आने लगे हैं। निवेशक समुदाय एक तरफ से केवल पुट ऑप्शन यानी बेचने के अधिकार वाले ऑप्शन ही खरीद रहा है। इस महीने इस तरह केऔरऔर भी

भंडारण सुविधाओं की तंगी से तंग आकर सरकार ने चार साल पहले गेहूं निर्यात पर लगाया गया प्रतिबंध उठा लिया है। यह फैसला करीब हफ्ते भर पहले 11 जुलाई को मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह की बैठक में लिया जा चुका है। लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार ने दिल्ली में यह जानकारी शनिवार को दी। जब उनसे मीडिया ने पूछा कि क्या गेहूं निर्यात पर बैन हटाया जा चुका है तो उनका जवाब था, “हां, अब कोईऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने देश में अगले आठ हफ्तों तक विवादास्पद कीटनाशक एंडोसल्फान के उत्पादन, ब्रिकी व इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। उसका कहना है कि मानव जीवन इस दुनिया में किसी भी चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है। शुक्रवार को इस मसले पर गौर कर रही प्रधान न्यायाधीश एस एच कापडिया की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) के तहत इस अदालत के विभिन्न फैसलों और खासकर सतर्कताऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में एंडोसल्फान कीटनाशक पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग वाली एक याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाड़िया और न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन व न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ ने केंद्र को नोटिस जारी कर सोलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम को 11 मई को अगली सुनवाई में उपस्थित रहने को कहा। वरिष्ठ अधिवक्ता वेणुगोपाल ने सीपीएम की युवा इकाई डेमोक्रेटिकऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के बेल्लारी जिले की 19 खदानों पर रोक लगा दी है कि वहां से लौह अयस्क का खनन या उसका लाना-ले जाना नहीं हो सकता। कोर्ट ने यह फैसला शुक्रवार को सुनाया। सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश एस एस कपाडिया की अध्यक्षता वाली विशेष खंडपीठ ने कहा कि यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित केंद्रीय अधिकारप्राप्त समिति (सीईसी) ने जिन 68 अन्य खदानों को अवैध ठहराया है, उनके खिलाफ भी आदेश जारी कियाऔरऔर भी