नए साल के बजट में तमाम टैक्सों में घटबढ़ हो सकती है। टैक्स का आधार बढ़ाने की कोशिश भी हो सकती है। लेकिन एक बात तय है कि वित्त मंत्री पलनियप्पन चिदंबरम किसानों या कृषि आय पर कोई टैक्स नहीं लगाएंगे। वैसे, बीजेपी की तरफ से अगर यशवंत सिन्हा वित्त मंत्री बने होते तो वे भी यह जोखिम नहीं उठाते। फिर भी टैक्स आधार बढ़ाने की बड़ी-बड़ी बातों से कोई भी वित्त मंत्री बाज़ नहीं आता। दिक्कतऔरऔर भी

दुनिया की सन्नामी रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एस एंड पी) ने कहा है कि भारत का आम बजट उसकी रेटिंग (BBB-/Stable/A-3) पर थोड़ा नकारात्मक असर डाल सकता है। उसका कहना है कि वित्त मंत्री ने खजाने की व्यवस्था के संबंधित तमाम सुधार घोषित किए हैं, लेकिन माल व सेवा कर (जीएसटी), प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) औप सब्सिडी सीधे लक्ष्य तक पहुंचाने जैसे अहम सुधारों के अमल के वक्त को लेकर अनिश्चितता बरकरार है। साथ ही भारतऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बीते वित्त वर्ष 2010-11 में तय लक्ष्य से भी अधिक कर-वसूली के लिए आयकर विभाग की पीठ थपथपाई और कहा कि 7.90 लाख करोड़ रुपए की अप्रत्याशित कर वसूली करके विभाग ने देश को वित्तीय मजबूती के रास्ते पर लाने में मदद दी है। सरकार ने 2010-11 में 7.90 लाख करोड़ रुपए का कर संग्रह किया जबकि 74,000 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया। वित्त मंत्री ने केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड :सीबीडीटी:औरऔर भी