फेसबुक के आईपीओ को साल भर हो गए। 38 डॉलर का शेयर 28.31 डॉलर पर है। उस आईपीओ पर यह दाग भी लगा था कि उससे जुड़ी फर्मों मॉरगन स्टैनले, गोल्डमैन सैक्श व जेपी मॉरगन ने बड़े ग्राहकों को अंदर की अहम जानकारियां बांटी थीं जिससे छोटे निवेशकों को तगड़ी चोट लगी। अपने यहां कंपनी की कृपा पर जीते एनालिस्टों और मर्चेंट बैंकरों का खेल तो इससे भी विकराल है। ऐसे अधम बाज़ार में कैसे करें शिकार…औरऔर भी

सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक का इस्तेमाल अब मोबाइल फोन पर भी आठ भारतीय भाषाओं में किया जा सकेगा। कंपनी मे एक बयान में कहा गया है कि इस सुविधा को आने वाले दिनों में चरणबद्ध तरीके से पेश किया जाएगा। फेसबुक के कंट्री ग्रोथ मैनेजर केविन डिसूजा ने दिल्ली में जारी एक बयान में कहा, “भारत में पांच करोड़ से अधिक लोग फेसबुक इस्तेमाल करते हैं और हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि किसी भी तरह काऔरऔर भी

जिसका अंदेशा था, वैसा ही हुआ। फेसबुक ने एक दिन पहले ही चेतावनी दी थी कि घनेरों महंगे मुकदमों में हारने पर उसे मजबूरन अपना कामकाज बंद करना पड़ सकता है। वस्तुस्थिति का तो पता नहीं। लेकिन मंगलवार को सुबह से कई घंटों तक ये जबरदस्त लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट डाउन प़ड़ी रही। इस बीच ताजा घटनाक्रम में इंटरनेट सर्च इंजन याहू ने फेसबुक के ख़िलाफ़ बौद्धिक संपदा के उल्लंघन का मुक़दमा भी दायर कर दिया है।औरऔर भी

धंधा करनेवालों से कभी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसे साबित कर दिया है इंटरनेट की दुनिया की दो दिग्गज हस्तियों गूगल और फेसबुक ने। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सर्च इंजिन गूगल और सोशल नेटवर्किंग फर्म फेसबुक ने कोर्ट द्वारा ‘चीन जैसी कार्रवाई’ की चेतावनी मिलने के बाद भारतीय डोमेन की वेबसाइटों ने कुछ ‘आपत्तिजनक’ सामग्री हटा ली है। ये दोनों उन 21 कंपनियोंऔरऔर भी

केंद्र सरकार का कहना है कि गूगल, फेसबुक, ऑरकुट, ब्लॉग स्पॉट, यू ट्यूब, याहू व माइक्रोसॉफ्ट समेत 21 सोशल नेटवर्किंग साइटें व सर्च इंजन देश में सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को चोट पहुंचा रहे हैं। इसलिए इनके खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दी जाती है। सरकार की तरफ से यह फरमान कपिल सिब्बल के नेतृत्व वाले सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने जारी किया है। दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार से समक्ष रखी गई दो पेज कीऔरऔर भी

दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट, फेसबुक अगले साल अप्रैल से जून के बीच पूंजी बाजार में उतर सकती है। वह अपना आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) लाने का विचार कर रही है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक अपने शेयर बेचकर बाजार से 10 से 12 अरब डॉलर (500 से 600 अरब रुपए) की पूंजी जुटाना चाहती है। लेकिन फेसबुक के प्रवक्ता लैरी यू ने कहा है कि वे आईपीओ केऔरऔर भी

अश्लील, भद्दे व अशोभनीय विज्ञापनों पर निगाह रखने और इन पर लोगों की राय लेने के लिए क्षेत्र की स्वैच्छिक नियामक संस्था, एएससीआई (एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया) अब सोशल नेटवर्किंग साइटों का सहारा लेने जा रही है। वह अब फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से ऐसे भद्दे विज्ञापनों पर निगाह रखेगी। उसने युवाओं को इस बात के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया है कि वे फेसबुक और ट्विटर खातों के जरियेऔरऔर भी

अमेरिका में किए गए एक सर्वे बताया गया है कि फेसबुक के तकरीबन 75 लाख उपभोक्ता 13 साल से कम उम्र के हैं जबकि यह उम्र इस सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल करने के लिए ‘मान्य’ नहीं हैं। अमेरिका में उपभोक्ताओं से जुड़े मामलों की प्रकाशक, कंज्यूमर रिपोर्ट ने एक सर्वेक्षण के आधार पर बताया कि पिछले साल फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले दो करोड़ नाबालिग बच्चों में से लगभग 75 लाख बच्चे 13 साल से कमऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी शेयर बाजार के सौदों पर नजर रखने के लिए नवीनतम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने लगी है। साथ ही वह अपने निगरानी विभाग में ऐसा सॉफ्टवेयर टूल लगा रही है जिससे फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर शेयरों को लेकर पेश की गई सूचनाओं व टिप्स का विश्लेषण किया जाएगा। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट के मुताबिक सेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उसे बताया कि नया सॉफ्टवेयर फेसबुक व ट्विटर जैसीऔरऔर भी

अमेरिका में आबादी के लिहाज 12वें सबसे बड़े शहर सैन फ्रांसिस्को में सोमवार (15 नवंबर) से तीन दिन का वेब 2.0 सम्मेलन शुरू हो रहा है जिसमें इंटरनेट उद्योग के दर्जनों महारथी शिरकत करेंगे। लेकिन इसमें सबसे खास हैं फेसबुक के चीफ एग्जीक्यूटिव मार्क ज़ुकरबर्ग और गूगल के प्रमुख एरिक श्मिड। माना जा रहा है कि इन दो महारथियों की टक्कर इस सम्मेलन के मंच पर नया गुल खिला सकती है क्योंकि दोनों ही नई पीढ़ी कीऔरऔर भी