शेयरों में निवेश कोई घाटा खाने या कंपनियों से रिश्तेदारी निभाने के लिए नहीं करता। अभी हर तरफ गिरावट का आलम है, अच्छे खासे सितारे टूट-टूटकर गिर रहे हैं तो ऐसे में क्या करना चाहिए? जो वाकई लंबे समय के निवेशक हैं, रिटायरमेंट की सोचकर रखे हुए हैं, उनकी बात अलग है। लेकिन अनिश्चितता से भरे इस दौर में शेयर बाजार में लांग टर्म निवेश का क्या सचमुच कोई मतलब है? लोगबाग दुनिया के मशहूर निवेशक वॉरेनऔरऔर भी

शेयर तो हर कोई, जिसके पास भी डीमैट खाता है, आसानी से खरीद सकता है। लेकिन शेयरों से कमाई वही कर पाता है जो सही वक्त पर उन्हें बेच लेता है। ज्यादातर लोग तो हाथ ही मलते रह जाते हैं कि उस समय कितने टॉप पर गया था मेरा शेयर। काश, उस समय बेच लिया होता! मुश्किल यह है कि खरीदने की सलाह तो जगह-जगह से मिल जाती है। ब्रोकरों से लेकर हॉट टिप्स बांटनेवाली वेबसाइट्स औरऔरऔर भी

गाड़ी रखना अब आपकी जेब के लिए और भारी पड़ सकता है। दोपहिया वाहनों, निजी कारों और भारी वाहनों के लिए थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम में 25 अप्रैल से 65 फीसदी तक की वृद्धि हो सकती है। बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए (इरडा) ने कहा कि चार साल के अंतराल के बाद प्रीमियम में संशोधन किया जा रहा है। इरडा ने यह भी कहा है कि अब से थर्ड पार्टी या तीसरे पक्ष की मोटर बीमा प्रीमियम दरोंऔरऔर भी