कैस्ट्रॉल इंडिया का शेयर इस साल जनवरी से लेकर कल तक 26.76 फीसदी बढ़ चुका है। इसी दौरान सेंसेक्स 12.08 फीसदी बढ़ा है। लेकिन कैस्ट्रॉल शायद बाजार से आगे रहने का यह क्रम आगे जारी न रख सके। कारण, तीन दिन पहले सोमवार को घोषित मार्च तिमाही के उसके नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं। इस दौरान जहां उसकी बिक्री 4.13 फीसदी बढ़कर 781.7 करोड़ रुपए पर पहुंची है, वहीं शुद्ध लाभ 10.03 फीसदी घटकर 122.9 करोड़ रुपएऔरऔर भी

बात एकदम सीधी है। जो भी शेयर बाजार में निवेश नहीं करते, वे भारत की विकासगाथा के लाभ से वंचित है। लेकिन आश्चर्यजनक, किंतु सत्य यह है कि देश की 121 करोड़ की आबादी में से कम से कम 120 करोड़ लोग इस लाभ से वंचित हैं, जबकि ठीकठाक कमानेवाले भारतीय मध्य वर्ग की ही आबादी 15 करोड़ से ज्यादा है। सबको साथ लेनेवाले कौन-से समावेशी विकास की बात करती यह सरकार? देश की विकासगाथा को व्यापकऔरऔर भी

शेयर बाजार हमेशा कल की सोचकर चलता है। किसी भी स्टॉक के आज के भावों में कल की संभावना निहित होती है। लेकिन कल तो बड़ा अनिश्चित है। उसके बारे में कुछ भी कहना सही निकले, यह कतई जरूरी नहीं। ऐसे में हम जैसे आम निवेशकों के लिए सही यही लगता है कि कल की छोड़कर वर्तमान में जीना सीखें। कंपनी का कल क्या होगा, यह बाद में देखा जाएगा। निवेश करते वक्त यह देख लेना जरूरीऔरऔर भी

व्हर्लपूल ऑफ इंडिया का शेयर पिछले एक महीने में 18.87 फीसदी बढ़ा है। 21 मार्च को यह 243 रुपए था और 21 अप्रैल को 288.85 रुपए पर बंद हुआ है। साल भर पहले 22 अप्रैल 2010 को यह 172.55 रुपए पर था। उससे पहले 8 फरवरी 2010 को यह इससे भी नीचे 128 रुपए था। असल में यह शेयर 9 सितंबर 2010 को 338.50 रुपए का उच्चतम स्तर हासिल करने के बाद 2 फरवरी 2011 तक बराबरऔरऔर भी

नोवार्टिस फार्मा क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनी है। इंसानों से लेकर जानवरों तक की दवाएं बनाती है। 1996 में सीबा-गेगी और सैंडोज के विलय के बाद वजूद में आई। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के शहर बासेल में है। अभी कल ही मशहूर फॉर्च्यून पत्रिका में इसे दवा कारोबार में दुनिया की सबसे पसंदीदा कंपनियों में पहले नंबर पर रखा है। लेकिन इसकी भारतीय इकाई नोवार्टिस इंडिया के शेयरों पर खास चमक नहीं आई। कारण वाजिब भी लगता है क्योंकिऔरऔर भी

जब आंधी-तूफान का अंदेशा हो तो हल्की चीजें हाथ में नहीं रखनी चाहिए। बाजार का माहौल ऐसा ही बन रहा है। लेकिन यह माहौल बड़ी कंपनियों को सस्ते में पकड़ने का अच्छा मौका भी पेश कर रहा है। ऐसी ही एक कंपनी है सीमेंस। ऊर्जा, औद्योगिक इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर क्षेत्र में सक्रिय बहुराष्ट्रीय कंपनी। पैदाइश जर्मनी की। कंपनी का शेयर नए साल में गिरता ही जा रहा है। 3 जनवरी को 828.90 रुपए पर था। कल बंदऔरऔर भी

केएस ऑयल्स (बीएसई – 526209, एनएसई – KSOILS) में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है कि उसका शेयर 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाए। लेकिन कल वह 37.80 रुपए की तलहटी पर पहुंचा है तो कुछ तो वजह रही होगी? अपने-आप तो ऐसा नहीं हो सकता? उसमें वोल्यूम भी अच्छा-खासा हुआ है। बीएसई में जहां दो हफ्ते का औसत रोजाना कारोबार 12.64 लाख शेयरों का रहा है, वहीं कल इसके 20.85 लाख शेयरों में सौदेऔरऔर भी

अरेवा टी एंड डी इंडिया लिमिटेड के नाम में टी एंड डी का मतलब ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन से। कंपनी मुख्यतः बिजली के पारेषण और वितरण से जुड़े उपकरण बनाती है। कंपनी ने शनिवार को ही सितंबर तिमाही के जबरदस्त नतीजे घोषित किए हैं। उसने 1047.85 करोड़ रुपए की आय पर 62.95 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है, जबकि साल भर पहले की सितंबर तिमाही में उसकी आय 750.95 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 22.40 करोड़ रुपएऔरऔर भी