सबसे उल्टा
जब सभी लोग एक ही बात सोच रहे होते हैं तो दरअसल कोई नहीं सोच रहा होता। वे बस भेड़चाल का हिस्सा हैं। सभी को एक जैसा सोचवाना आज की प्रचार मशीन का एक उत्पाद है। इसलिए आज के दौर सबसे उल्टा सोचने की आदत डालना जरूरी है।और भीऔर भी
दम या बकवास
किसी इंसान की बातों से तय नहीं होता कि वे दमदार हैं या कोरी बकवास। इसी तरह किसी राजनीतिक दल के घोषणापत्र या नारों से नहीं, बल्कि उसकी आंतरिक संरचना से तय होता है कि वह सचमुच अपने कहे पर अमल कर पाएगी या नहीं।और भीऔर भी
नाम नहीं काम
बात किसने कही, यह महत्वपूर्ण नहीं। महत्वपूर्ण यह है कि वह हमारी विचार-श्रृंखला को कहां तक आगे बढ़ाती है, हमारे कितने काम की है। इसलिए विचारों को हमेशा नाम से काटकर देखना चाहिए।और भीऔर भी
बात नहीं बास
वही-वही जुमले। वही-वही बात। बहते पानी में ऐसा हो नहीं सकता! वह तो निर्मल होता है। बास तो हमेशा ठहरे पानी से ही आती है। इसलिए देखें तो सही कि बातों की बास के पीछे आपका ठहराव तो नहीं!और भीऔर भी
ब्रोकरजी, ऑटोमेटेड ट्रेडिंग हो गई तो!
निफ्टी आज 10 से 12 बजे के बीच दो बार 5600 के एकदम करीब चला गया। लेकिन 5592.90 के बाद उसे ऊपर खींच पाना मुश्किल हो गया। जैसा कि मुझे कल ही अंदेशा था और मैंने लिखा भी था कि निफ्टी में 5620 का स्तर आने से पहले मंदड़िये हमले पर उतर आए। उनकी बिकवाली के चलते बाजार दो बजे के आसपास गिरावट का शिकार हो गया, जबकि पहले वह बराबर बढ़त लेकर चल रहा था। ढाईऔरऔर भी