हमने इसी जगह एक बार नहीं, कई बार कहा था कि चाहे कुछ हो जाए, बाजार 5735 तक जाएगा। यह हो गया। महज दो हफ्तों में एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) ने 10,000 करोड़ रुपए की खरीद कर डाली। अहम सवाल है कि आगे क्या होगा? क्या यह क्षणिक आवेग है या बाजार नई छलांग की तैयारी में है? मंदी और तेजी के खेमे की राय स्वाभाविक तौर पर अलग-अलग है। कुछ कहते हैं कि यह महज फुलझड़ीऔरऔर भी

निफ्टी 5740 तक जाने के बाद लगभग 80 अंक नीचे आकर 5660.65 पर गया। इसकी दो वजहें रहीं। एक, मॉरगन स्टैनले ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को डाउनग्रेड कर ओवर-वेट से इक्वल-वेट कर दिया और इसका लक्ष्य 1206 रुपए से घटाकर 956 रुपए कर दिया। नतीजतन, रिलायंस 1.83 फीसदी गिरकर 854.40 रुपए पर आ गया। दूसरी वजह थी – रॉयल्टी व लाभ में हिस्सेदारी वाला नया खनन विधेयक, जिसका संसद में पास हो पाना मुश्किल है। इसमें खनन विधेयकऔरऔर भी

खाद्य मुद्रास्फीति ठंडी पड़ी, दयानिधि मारन का इस्तीफा हुआ और बाजार तेजी से झूम उठा। किसी को भी भान नहीं था कि निफ्टी यूं 5740 के एकदम करीब तक चला जाएगा। मुझे दुनिया को खुद के सही होने का सबूत देने की जरूरत नहीं है। हालांकि जिंदगी जब तक है, तब तक आलोचक भी रहेंगे। बिग बी तक के आलोचक हैं और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के भी। आपको किसी व्यक्ति की उपलब्धिऔरऔर भी