पिछले साल के बजट में वित्त मंत्री ने भले ही वरिष्ठ नागरिक माने जाने की उम्र घटाकर 65 से 60 साल कर दी हो, लेकिन देश में बुजुर्गों की सुरक्षा व देखभाल की स्थिति बिगड़ती जा रही है। केंद्र सरकार ने बारह साल पहले 1999 में ‘बूढ़े व्यक्तियों पर राष्ट्रीय नीति’ (एनपीओपी) बनाकर बुजुर्गों की समस्याओं को हल करने की पहल की थी। लेकिन इस नीति और इस पर अमल का अभी तक कोई अतापता नहीं है।औरऔर भी

अगले 48 सालों में जापान की आबादी 32 फीसदी घट जाएगी और उसमें भी ज्यादातर बुजुर्ग होंगे। जापान के स्वास्थ्य व कल्याण मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट का कहना है कि साल 2060 तक देश की आबादी घटकर 8.67 करोड़ रह जाएगी। अगर इसके बाद भी यही दशा जारी रही तो 2110 तक जापान में सिर्फ 4.92 करोड़ लोग बचे रहेंगे। फिलहाल जापान की आबादी 12.77 करोड़ है। जापान सरकार कोऔरऔर भी

भ्रष्टाचार के खिलाफ अण्णा हज़ारे और बाबा रामदेव के आंदोलन से बचाव की मुद्रा में आई यूपीए सरकार अब देश के गरीबों को पटाने में लग गई है। गुरुवार को कैबिनेट ने गरीब बुजुर्गों और बीड़ी मजदूरों पर करीब 3081 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने का फैसला किया है। इसमें गरीब बुजुर्गों पर 2770 करोड़ और बीड़ी मजदूरों पर 311 करोड़ रुपए खर्च होंगे। हालांकि इन दोनों लोकलुभावन कदमों का प्रस्ताव वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इसऔरऔर भी

दक्षिण कोरिया वर्ष 2050 तक सबसे ज्यादा बुजुर्गों वाला देश बन सकता है, जिसका वहां की अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2050 में दक्षिण कोरिया में 38.2 फीसदी नागरिक 65 वर्ष से अधिक उम्र के होंगे। बुजुर्गों का यह अनुपात दुनिया में सबसे ज्यादा होगा। दक्षिण कोरिया में स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च बढ़ने के साथ ही औसत आयु 83.5 वर्ष हो जाएगी। इस समय जर्मनी, इटली व जापान की जनसंख्याऔरऔर भी