सही व काम की शिक्षा पर किया गया खर्च कभी बेकार नहीं जाता। वो तो निवेश की तरह है जिसमें अभी उठाई गई थोड़ी-सी तकलीफ बाद में बड़े आराम का आधार बन जाती है। इसलिए शिक्षा को कभी उपभोग नहीं, हमेशा निवेश मानना चाहिए।और भीऔर भी

जब तक आप कच्चे हो तब तक लेते ज्यादा और देते कम हो। परिपक्व होने जाने पर आप देते ज्यादा और लेते कम हो। लेकिन परिपक्वता ठहरनी नहीं चाहिए क्योंकि रुकने से आप रूढ़ और बेकार हो जाते हो।और भीऔर भी