हर शेयर अपने आप में एक कहानी कहता है। उसका भाव बीते कल का ही नहीं, आनेवाले कल का भी संकेत देता है। लेकिन एक बात तमाम कोशिशों के बावजूद परदे में रह जाती है। और, वो है कि कंपनी में कॉरपोरेट गवर्नेंस की स्थिति। मतलब यह कि प्रबंधन कैसा चल रहा है? प्रवर्तकों का रवैया क्या है? वे कंपनी को लोकतांत्रिक तरीके से चला रहे हैं या इतने सारे शेयरधारकों के साथ लिस्टेड होने के बावजूदऔरऔर भी

अशोक लेलैंड। आजादी के बाद देश को आत्मनिर्भर बनाने के ख्वाब के साथ 1955 से सक्रिय कंपनी। मालिक हिंदुजा समूह। बस व ट्रक से लेकर डिफेंस व अन्य विशिष्ट कामों के लिए विशेष वाहन। पिछले ही महीने कंपनी हल्के वाहनों के सेगमेंट में ‘दोस्त’ के साथ उतरी है। अशोक लेलैंड का नाम दिखता है हर जगह। कम से कम इस ब्रांड के पांच लाख वाहन सड़कों पर। ए ग्रुप का शेयर। बीएसई-100 में शामिल। लेकिन हाल ऐसाऔरऔर भी

यह शेयर बाजार है प्यारे। यहां बड़ा अजब-गजब चलता रहता है। चांदी भले ही इधर पिटने लगी हो, लेकिन सोने की चमक अभी बाकी है। फिर भी सोने के धंधे में लगी कंपनियों को बाजार से कायदे का भाव नहीं मिल रहा। ज्यादातर कंपनियों के शेयर इस समय 10 से कम के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहे हैं। जैसे, गीतांजलि जेम्स का पी/ई अनुपात इस समय 7, श्रीगणेश ज्वैलरी का 5.9, सु-राज डायमंड्स का 2.8, वैभवऔरऔर भी

एम्फैसिस बड़ी ठसक वाली कंपनी है। नाम तक सीधे नहीं लिखती। खुद को MphasiS लिखती है। लेकिन नाम से क्या! हमें तो काम से मतलब है। मुख्यतः बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) और रिमोट इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट या इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी आउटसोर्सिंग (आईटीओ) सेवाओं सक्रिय है। दुनिया के 14 देशों में 29 ऑफिस हैं। धंधा अच्छा करती है। लेकिन उसका वक्त अभी अच्छा नहीं चल रहा है। पिछले कुछ महीनों से एडेलवाइस जैसी देशी और सीएलएसए जैसी विदेशी निवेश फर्मेंऔरऔर भी

उम्मीद पर दुनिया कायम है और शेयर बाजार भी। किसी कंपनी ने लाख अच्छा किया हो, लेकिन अगर वो बाजार की उम्मीद पर खरी नहीं उतरी तो उसका शेयर गिर जाता है। नहीं तो क्या वजह है कि टीवीएस मोटर कंपनी का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में साल भर पहले की तुलना में दोगुना हो गया। पहले 20.29 करोड़ रुपए था। अब 105.42 फीसदी बढ़कर 41.68 करोड़ रुपए हो गया। फिर भी शुक्रवार 29 अप्रैल को नतीजोंऔरऔर भी

देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) भारत में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन इस साल 12 से 14 फीसदी बढ़ाने पर विचार कर रही है। विकसित देशों में यह वृद्धि 2 से 4 फीसदी और उभरते देशों में 2 से 14 फीसदी रह सकती है। यह कहना है कि कंपनी के सीईओ एन चंद्रशेखरन का। गुरुवार को मुंबई में कंपनी के चौथी तिमाही व सालाना नतीजों की घोषणा के बाद चंद्रशेखरन ने मीडियाऔरऔर भी

बाजार में मिड कैप स्टॉक्स की चर्चा जोरशोर से चल पड़ी है। हर 5 सेकंड पर कोई न कोई सूचना आ जाती है और इनमें से ज्यादातर खबर बन जाती हैं। यह न केवल बाजार के लिए, बल्कि निवेशकों के लिए भी शुभ संकेत है। बी ग्रुप के शेयरों में रैली शुरू हो गई है। उन तमाम रिटेल निवेशकों को अब इनसे निकलने का मौका मिल जाएगा जिन्होंने इन्हें ऊंचे भाव पर खरीदा था। दरअसल, यह एकऔरऔर भी

हमारा शेयर बाजार किसी द्वीप पर नहीं, बल्कि इसी समाज में है। इसलिए जब समाज में अच्छे लोगों की कद्र नहीं है और दंद-फंद वाले लोगों की ही चलती है तो कैसे संभव है कि शेयर बाजार में ऐसा न हो। आज चर्चा एक ऐसी ही अच्छी, पर उपेक्षित कंपनी पॉलिप्लेक्स कॉरपोरेशन की। फ्लेक्सिबल पैकेजिंग उद्योग की इस कंपनी का शेयर कल बीएसई (कोड – 524051) में 3.23% गिरकर 205.45 रुपए और एनएसई (कोड – POLYPLEX) मेंऔरऔर भी

जब हर तरफ कोहराम मचा हो, सेंसेक्स 18,000 के अंक के नीचे तक डुबकी लगा रहा हो, तब भी कोई स्टॉक चमक जाए तो समझिए कि उसमें दमखम जरूर होगा। नाल्को (नेशनल एल्यूमीनियम कंपनी लिमिटेड) का शेयर कल बीएसई (कोड – 532234) में 2.09 फीसदी और एनएसई में (कोड – NATIONALUM) में 2.28 फीसदी बढ़ा है। नाल्को बीएसई-100 सूचकांक में शामिल है। वैसे, कल सेंसेक्स के 30 शेयरों में से जो तीन शेयर बढ़े हैं, उनमें सेऔरऔर भी

मौज-मस्ती भरे क्रिसमस के लिए मेरी बधाई स्वीकार करें। बाजार भी लगता है कि बधाई देने के मूड में आ गया है क्योंकि इसे रफ्तार देनेवाले तो छुट्टी पर जा चुके हैं। आज खास कुछ होना-हवाना था नहीं। वैसे, बीएसई सेंसेक्स 90.78 अंक बढ़कर 20073.66 और एनएसई निफ्टी 31.60 अंक बढ़कर 6011.60 पर बंद हुआ है। अब हम बाजार पर गंभीरता से निगाह सोमवार को ही डालेंगे। आसार तो यही हैं कि यह सेटलमेंट तूफान के साथऔरऔर भी