शेयर बाज़ार में निवेश करें तो किसी शेयर में नहीं, बल्कि बिजनेस में निवेश करें। उद्योग चुनें। उस उद्योग की खास कंपनी को चुनें। समझें कि उस उद्योग और उस कंपनी का भावी कैश फ्लो कैसा रहेगा। धंधे के साथ शुद्ध लाभ किस रफ्तार से बढ़ेगा। इतना आंक लेने के बाद ही उस कंपनी के शेयर में धन लगाएं। वह भी तब तक के लिए, जब तक वो कंपनी है। आज पेश है ऐसी ही एक पुख्ताऔरऔर भी

विद्वानों के मुताबिक कई तरह के संकट भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहे हैं। यूरो ज़ोन के संकट का खिंचना इस पर भारी पड़ेगा। मनमोहन सिंह की सरकार नीतिगत फैसलों में पंगु बनी हुई है। यूपीए गठबंधन में ममता ने ऐसा बवाल मचा रखा है कि सरकार को राष्ट्रीय आंतकवादी विरोधी केंद्र (एनसीटीसी) तक पर झुकना पड़ रहा है। ऊपर से घोटाले हैं कि थमने का नाम तक नहीं ले रहे। कोयला तो काला था ही। पवित्र गायऔरऔर भी

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के आईपीओ को मिली कामयाबी ने देश के प्राइमरी बाजार में जान आने के पुख्ता संकेत दे दिए है। एमसीएक्स का आईपीओ खुलने के दूसरे ही दिन बुधवार को शाम तक 4.48 गुना सब्सक्राइब हो गया। एनएसई व बीएसई के सम्मिलित आंकड़ों के मुताबिक क्यूआईबी या संस्थागत खरीदारों का हिस्सा अब तक 3.68 गुना और गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईबी) का हिस्सा 1.88 गुना सब्सक्राइब हो चुका है। आम निवेशकों के बीच इस इश्यू कीऔरऔर भी

नौकरियां बढ़ाने के लिए ओबामा का 447 अरब डॉलर का पैकेज दुनिया के बाजारों में चहक नहीं ला सका क्योंकि समयसिद्ध नियम है कि जब भी कोई अच्छी खबर आती है, निवेशक हमेशा बेचते हैं। यह भी कि यह पैकेज रातोंरात असर नहीं दिखा सकता। लेकिन इसने इतना तो साबित कर दिया कि व्हाइट हाउस मानता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है। इन हालात में दोतरफा बिकवाली होनी ही थी। जिन्होंने सुधार की उम्मीदऔरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की नामी इंजीनियरिंग कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स (भेल) को अमेरिका की मशहूर पत्रिका फोर्ब्स ने दुनिया में सबसे ज्यादा नवोन्मेष करने वाली कंपनियों की सूची में नौवां स्थान दिया है। फोर्ब्स के ताजा अंक में छपी इस सूची में भेल भारत की अकेली इंजीनियरिंग कंपनी है। वह अपने जैसे उपकरण बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों से काफी आगे है। इस सूची में पहले पायदान पर अमेरिका की आईटी कंपनी (सेल्सफोर्स डॉट काम) है जबकि दूसरा स्थानऔरऔर भी

सरकार देशी-विदेशी निवेशकों के मनचाहे सुधारों की राह पर चल पड़ी है। रिलायंस-बीपी के करार को कैबिनेट की मंजूरी और सचिवों की समिति द्वारा मल्टी ब्रांड रिटेल में 49 के बजाय 51 फीसदी विदेशी निवेश (एफडीआई) की सिफारिश यूपीए सरकार के साहसी रुख को दर्शाती है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वह विपक्ष के हमले की धार कुंद करने में लगी है। सरकार का यह अंदाज उन चंद बड़े एफआईआई की तरफ से पेश की गई तस्वीर सेऔरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग कंपनी बीएचईएल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) ने हफ्ते भर पहले सोमवार, 23 मई को घोषित किया कि वित्त वर्ष 2010-11 में उसका टर्नओवर 22.94 फीसदी बढ़कर 43,394.58 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 39.45 फीसदी बढ़कर 6011.20 करोड़ रुपए हो गया है। उसके पास 1.64 लाख करोड़ रुपए के अग्रिम ऑर्डर हैं। लेकिन उसका शेयर शुक्रवार 20 मई के 2074.40 रुपए से भाव से 6.69 फीसदी गिरकर 1935.60 रुपए पर आ गया। इसके बादऔरऔर भी