सर पर किसी का साया रहे तो जमकर उछल-कूद मचाई जा सकती है। मां-बाप के साये में बच्चा यूं ही बढ़ता है। लेकिन पौधे को छाया में रखते ही उसके सारे पत्ते धीरे-धीरे गिर जाते हैं और वो सूख जाता है।और भीऔर भी

मां-बाप की छत्रछाया से निकलने के बाद ही बच्चा जीवन के असली सबक सीख पाता है। इसी तरह राम भरोसे रहने पर हम पूरी तरह खुल नहीं पाते। भगवान का सहारा हमारे मानुष जन्म को अधूरा रख छोड़ता है।और भीऔर भी