किसी काम की सफलता के लिए अच्छी व सच्ची नीयत होना जरूरी तो है, पर्याप्त नहीं। अक्सर हम सच्ची नीयत के बावजूद एकदम नाकाम हो जाते हैं। कारण, जिस माध्यम पर काम कर रहे होते हैं, उसमें हो रहे बदलावों से हम आंखें मूंदे रहते हैं।और भीऔर भी

मैं तो बांस का एक टुकड़ा भर हूं, जिसने बाहर से आनेवाली हवाओं के लिए कई झरोखे काट रखे हैं। अगर बहती हवा के झोंके, किसी की सांसों का वेग इसे बांसुरी बना देता है तो इसमें मेरी क्या भूमिका!और भीऔर भी