सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा पर भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। प्रीमियम के रूप में हासिल हर 100 रुपए पर उन्हें 140 रुपए क्लेम व अन्य मदों में खर्च करना पड़ता है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीणा ने मंगलवार को राज्यसभा में लिखित बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसी वजह से इन कंपनियों को मेडिक्लेम में दी जानेवाली कैशलेस सुविधा को सीमित करना पड़ा है। बता दें किऔरऔर भी

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को अंग्रेजी में हमारे पूंजी बाजार का वॉच डॉग कहा जाता है और वाकई लगता है कि वह बड़ों पर भौंकने और छोटों को काटने का काम करता है। सेबी ने 7 जून को रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज (आरएनआरएल) और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर में ‘डीलिंग’ के मामले में इन कंपनियों के अलावा अनिल अंबानी और समूह के चार अन्य बड़े अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 9 जून को यह नोटिसऔरऔर भी