दुनिया में दो तरह के लोग हैं। एक वो जो मूर्खों की तरह कोई परवाह किए बगैर गिरते-पड़ते बिंदास जिए जाते हैं। ऐसे मूर्खों की श्रेणी में मुझ जैसे बहुतेरे लोग आते हैं। दूसरे वो लोग हैं जो मूर्खों की तरह डर-डरकर ज़िंदगी जीते हैं; हर छोटे-बड़े फैसले से पहले जितनी भी उल्टी बातें हो सकती है, सब सोच डालते हैं। फिर या तो घबराकर चलने ही इनकार कर देते हैं या चलते भी हैं तो सावधानियोंऔरऔर भी

मशहूर अंतरराष्ट्रीय पत्रिका फोर्ब्स ने साल 2010 के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 68 जानी-मानी हस्तियों को शामिल किया गया है। चौंकानेवाली बात यह है कि इसमें चीन के राष्ट्रपति हु जिनताओ को दुनिया की सबसे ताकतवर हस्ती माना गया है। जिनताओ सूची में पहले नंबर पर हैं, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को दूसरे नंबर पर रखा गया है। यह आश्चर्यजनक बात है क्योंकिऔरऔर भी

भारत में अमीरी का संकेंद्रण अमेरिका और चीन से भी ज्यादा है। यहां सबसे ज्यादा अमीर 100 लोगों की संपत्ति का 50 फीसदी हिस्सा मात्र दस लोगों के हाथ में सिमटा हुआ है। चीन में यह अनुपात 38 फीसदी और अमेरिका में 32 फीसदी है। यह निष्कर्ष है फोर्ब्स इंडिया पत्रिका की ताजा रिपोर्ट का। इसका सीधा-सा मतलब यह हुआ कि भारत में लोकतंत्र के बावजूद संपत्ति का आधार विस्तृत नहीं हुआ है। इसका पता इस बातऔरऔर भी

अनिल अंबानी ने मुकेश अंबानी के खिलाफ न्यूयॉक टाइम्स में 15 जून 2008 को बातचीत पर आधारित जिस लेख के आधार पर 10,000 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा किया था, उसे अखबार ने अपनी वेबसाइट पर अभी तक जस का तस रखा है। इस लेख के छठे पेज पर मुकेश के हवाले बताया गया है कि धीरूभाई के जमाने में समूह के लिए दिल्ली में लॉबिंग व जासूसी करनेवालों का पूरा नेटवर्क अनिल अंबानी देखते थे।औरऔर भी