हम सभी निर्वासित
मौजूदा समाज की सबसे बड़ी खामी यह है कि वो व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता के संपूर्ण विकास का मौका नहीं देता। गुजर-बसर के लिए न चाहते हुए भी क्या से क्या करना पड़ता है! तभी तो यहां मुठ्ठी भर को छोड़कर ज्यादातर लोग निर्वासित हैं।और भीऔर भी
सबक मुसीबत के
जिंदगी के हाईवे पर मुसीबतें इसलिए नहीं आतीं कि आप लस्त होकर चलना ही बंद कर लें, बल्कि मुसीबतों का हर दौर आपको वह मौका उपलब्ध कराता है जब आप ठहरकर अब तक के सफर की समीक्षा और आगे की यात्रा की तैयारी कर सकते हैं।और भीऔर भी
मंजिल और मौका
कोई कितना ही रोके, चलनेवाले तो अपनी मंजिल और मौका तलाश ही लेते हैं। पानी अपनी डगर बना ही लेता है। हमारा काम बस इतना है कि समाज में जंगल की निरंकुशता न पले, अराजकता न चले।और भीऔर भी
कहते हैं 20% बढ़ेगा जीवीके पावर
जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (बीएसई कोड-532708) कई महीनों से 40 रुपए के आसपास अटका हुआ है। एक कदम आगे, दो कदम पीछे का हिसाब-किताब इसमें चल रहा है। 31 मई को जब हमने पहली बार इसके बारे में लिखा था, तब इसका पिछला बंद भाव 42.30 रुपए था। कल इसका एक रुपए अंकित मूल्य का शेयर बीएसई में 43.70 रुपए और एनएसई में 43.80 रुपए पर बंद हुआ है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 45.37 करोड़औरऔर भी
चुक गया है आईएफसीआई का ताप
हम इस बात की आशंका पहले ही जता चुके हैं। बाजार पर मंडराता जोखिम घट नहीं रहा। बहुत मुमकिन है कि जिन अग्रणी कंपनियों में बढ़त के दम पर सेंसेक्स बढ़ता जा रहा है, वे गिरावट/करेक्शन की शिकार हो जाएं और जो स्टॉक अभी तक बाजार की रफ्तार से पीछे चल रहे थे, वे अचानक सबसे आगे आ जाएं। इसके पीछे का तर्क बड़ा सीधा-सरल और आसान है। पीछे चल रहे बहुत से शेयरों का भाव उनकेऔरऔर भी