गतिशीलता पर यकीन
पाप कभी स्थाई नहीं होता। उसे अपरिहार्य या नियति मानना गलत है। सामूहिक हालात और व्यक्तिगत विवेक को हमेशा बेहतर, शुद्ध व तेजस्वी बनाया जा सकता है। इसलिए क्षण के स्थायित्व पर नहीं, उसकी गतिशीलता पर यकीन करें।और भीऔर भी
पाप कभी स्थाई नहीं होता। उसे अपरिहार्य या नियति मानना गलत है। सामूहिक हालात और व्यक्तिगत विवेक को हमेशा बेहतर, शुद्ध व तेजस्वी बनाया जा सकता है। इसलिए क्षण के स्थायित्व पर नहीं, उसकी गतिशीलता पर यकीन करें।और भीऔर भी
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सत्ता में आने की संभावनाएं बेहतर दिखने लगीं तो अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनियों के शेयर चमाचम हो उठे। बाजार भी नई ऊंचाई पर बंद हुआ। लेकिन मैं ही नहीं, समूचा बाजार इस तेजी को लेकर आश्वस्त नहीं है। इसी आश्वस्त न होने के चक्कर में वो तमाम ट्रेडर जो निफ्टी के 5200 के स्तर से ही शॉर्ट हुए पड़े हैं, अब भारी दबाव महसूस करने लगे हैं। हमारी टीमऔरऔर भी
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