धीरे-धीरे यह सेवा लेनेवालों की संख्या बढ़ रही है तो हल्की-सी घबराहट के साथ जिम्मेदारी और जवाबदेही का भाव भी बढ़ता जा रहा है। जब लोग आप पर भरोसा करने लगे तो उनके प्रति आपकी जवाबदेही बढ़ जाती है। अपनी तरफ से सच्ची सेवा देने का संकल्प है। लेकिन एक बात गांठ बांध लें कि मैं या कोई दूसरा आपको पैसे बनाकर नहीं देगा। पैसे के मामले में किसी की नहीं, सिर्फ अपनी सुनें। अब टिप्स आजऔरऔर भी

बाज़ार जो चाहता था, रिजर्व बैंक ने उसे दे दिया। ब्याज दर चौथाई फीसदी घटा दी। कच्चे तेल के दाम भी नीचे हैं। फिर भी वह डेढ़ फीसदी का गोता लगा गया। कारण, मनचाहे आर्थिक फैसले पर अनचाही राजनीति हावी हो गई। केंद्र सरकार से डीएमके की समर्थन वापसी की बात बाज़ार को जमी नहीं।  खैर, इससे शायद सरकार के टिके रहने पर कोई फर्क न पड़े क्योंकि समाजवादी पार्टी और बीएसपी का बाहरी समर्थन उसे बचाऔरऔर भी

मार्च में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के 6.70 फीसदी रहने का भरोसा था। लेकिन वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में मुद्रास्फीति की दर 6.89 फीसदी रही है। फरवरी महीने में इसकी दर 6.95 फीसदी थी। इस तरह इसमें कमी तो आई है। लेकिन जितनी उम्मीद थी, उतनी नहीं। फिर भी भरोसा है कि रिजर्व बैंक सालाना मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में चौथाई फीसदी कमी करऔरऔर भी

इक्कीस साल एक महीने पहले सितंबर 1990 से देश में बैंकों की ब्याज दरों को बाजार शक्तियों या आपसी होड़ के हवाले छोड़ देने का जो सिलसिला हुआ था, वह शुक्रवार 25 अक्टूबर 2011 को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा के साथ पूरा हो गया। रिजर्व बैंक के गवर्नर दुव्वरि सुब्बाराव ने ऐलान किया, “अब वक्त आ गया है कि आगे बढ़कर रुपए में ब्याज दर को विनियंत्रित करने की प्रकिया पूरी करऔरऔर भी

देश की इकलौती लिस्टेड माइक्रो फाइनेंस कंपनी एसकेएस माइक्रोफाइनेंस का शेयर गुरुवार को तीखी गिरावट के साथ 20 फीसदी के निचले सर्किट ब्रेकर तक पहुंच गया। वो 639.45 रुपए की तलहटी बनाने के बाद 640.70 रुपए पर बंद हुआ जो मंगलवार के आखिरी भाव से 19.84 फीसदी नीचे है। यह जबरदस्त गिरावट सबह-सुबह कंपनी की तरफ से जारी बयान के बाद आई कि आंध्र प्रदेश में 15 अक्टूबर को अध्यादेश आने के बाद से 15 नवंबर तकऔरऔर भी