अश्लील, भद्दे व अशोभनीय विज्ञापनों पर निगाह रखने और इन पर लोगों की राय लेने के लिए क्षेत्र की स्वैच्छिक नियामक संस्था, एएससीआई (एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया) अब सोशल नेटवर्किंग साइटों का सहारा लेने जा रही है। वह अब फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से ऐसे भद्दे विज्ञापनों पर निगाह रखेगी। उसने युवाओं को इस बात के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया है कि वे फेसबुक और ट्विटर खातों के जरियेऔरऔर भी

मोबाइल फोन पर एसएमएस करते रहने की आदत युवाओं को बीमार बना रही है। उद्योग संगठन एसोचैम ने एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें कहा गया है कि दूरसंचार कंपनियों की विभिन्न पैकेज या योजनाओं में सस्ती दरों पर एसएमएस करने की सुविधा देने से भले ही यह युवाओं का पसंदीदा संवाद माध्यम बन गया हो, लेकिन इससे उनमें अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी पैदा हो रही हैं। अध्ययन में पाया गया है कि टेक्स्टऔरऔर भी