पिछले हफ्ते तक शेयर बाजार में मूड पस्ती का था। इस हफ्ते उत्साह का है। हफ्ते के पहले चार दिनों में सेंसेक्स नीचे में 15,748.98 से ऊपर में 16,680.59 तक 900 अंकों से ज्यादा की पेंग भर चुका है। हालांकि, आज आखिरी दिन माहौल थोड़ा सुस्त है। ऐसे में क्या मान लिया जाए कि अब पस्ती का आलम खत्म हो गया है और तेजी का नया क्रम शुरू हो रहा है। इस बीच मूलभूत स्तर पर अर्थव्यवस्थाऔरऔर भी

कहते हैं कि अभूतपूर्व संकट का समाधान भी अभूतपूर्व होता है। ऐसा पहली बार हुआ कि दुनिया के छह केंद्रीय बैंकों ने एक साथ मिलकर दुनिया के वित्तीय तंत्र को नकदी मुहैया कराने और डॉलर स्वैप के मूल्यों को थामने की पहल की है। ये छह केंद्रीय बैंक हैं – अमेरिका का फेडरल रिजर्व, ब्रिटेन का बैंक ऑफ इंग्लैंड, यूरोज़ोन का यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) और कनाडा. जापान व स्विटजरलैंड के केंद्रीय बैंक। इन बैंकों ने व्यापारऔरऔर भी

खरबपति निवेशक वॉरेन बफेट का कहना है कि यूरोप के ऋण संकट ने 17 सदस्यीय यूरोज़ोन की बुनियादी कमजोरी को उजागर किया है और महज बयानबाजी व घोषणाओं ने इसे नहीं सुलझाया जा सकता। सोमवार को जापान के दौरे के पहले बफेट ने सीएनबीसी से हुई बातचीत में कहा, “यह यूरो सिस्टम की प्रमुख व बुनियादी गड़बड़ी है। मैं जानता हूं कि अभी जो व्यवस्था चल रही है, उसमें बड़ी खामी है और यह खामी महज शब्दोंऔरऔर भी

यूरोज़ोन एक ऐतिहासिक परियोजना है। भारत चाहता है कि यूरोज़ोन फले-फूले क्‍योंकि यूरोप की खुशहाली में ही हमारी खुशहाली है। यह कहना है कि हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का। फ्रांस में पर्यटन के लिए मशहूर रिविएरा इलाके के सबसे अच्छे शहर कान में हो रहे रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले बुधवार को प्रधानमंत्री ने यह बात कही। दो दिन का यह सम्मेलन गुरुवार-शुक्रवार (3-4 नवंबर) को होना है। जर्मन चांसलर एंजेला मैर्केल,औरऔर भी

यूरोप में गहराते ऋण-संकट के बीच फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी ने कहा है कि 2001 में ग्रीस को यूरोजोन में शामिल करना बड़ी गलती थी क्योंकि उस वक्त ग्रीस की अर्थव्यवस्था साझा मुद्रा समूह के लिए तैयार नहीं थी। गुरुवार को जब एक टीवी इंटरव्यू के दौरान सारकोजी से यूरोजोन बनने के दो साल के भीतर ही ग्रीस को इसमें शामिल किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह एक गलती थी। उसकी अर्थव्यवस्थाऔरऔर भी

विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) जैसी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं पर विकासशील देशों की नीतियों में दखल करने के आरोप तो बराबर लगते रहे हैं। लेकिन आईएमएफ की ऐसी छीछालेदर आज तक नहीं हुई थी। उसके प्रमुख डोमिनिक स्ट्रॉस काह्न को शनिवार को अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क में बलात्कार की कोशिश और यौन हमले के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। यूरोप से लेकर अमेरिका तक में इस पर हल्ला मचा हुआ है। यूरो मुद्रा तक परऔरऔर भी