कभी आपने सोचा है कि ज़रा-सा होश संभालते ही हम धन के चक्कर में घनचक्कर क्यों बन जाते हैं? और, यह धन आखिरकार आता कहां से है, इसका स्रोत, इसका उत्स क्या है? हम ट्रेडिंग भी तो इसीलिए करते हैं कि खटाखट धन आ जाए! निवेश भी इसीलिए करते हैं कि हमारा जितना धन है, वह बराबर बढ़ता रहे। आइए, आज हम धन के चक्कर में घनचक्कर बनने और धन-चक्र को समझने की कोशिश करते हैं। पहलेऔरऔर भी

फाइनेंस एक ऐसी चीज है जहां कभी भी पीछे नहीं, बल्कि हमेशा आगे देखते हैं। रिटायरमेंट की प्लानिंग से लेकर शेयरों के मूल्य-निर्धारण में यही दृष्टिकोण अपनाया जाता है। पैर यकीनन वर्तमान में रहते हैं, लेकिन निगाहें हमेशा भविष्य पर होती हैं।और भीऔर भी