रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है। इसके बाद तय हुआ कि रेल बजट 2012-13 पर जो भी चर्चा होगी, उसका जवाब वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी देंगे। सोमवार से लोकसभा में रेल बजट पर चर्चा शुरू हो चुकी है। ये पहला मौका है जब अलग तरह के राजनीतिक हालात पैदा हो गए हैं। लिहाजा सरकार के सामने बड़ी चुनौती आ गई कि रेल बजट परऔरऔर भी

वादों की हकीकत को पहचानता है बाजार। इसीलिए भारतीय रेल के कामकाज से जुड़े तमाम स्टॉक कल, रेल बजट में की गई ठीकठाक घोषणाओं के बावजूद लुढकते चले गए। इसका अपवाद था तो इकलौता बीईएमएल जिसका नाम पहले भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड हुआ करता था। वैसे भी, बीईएमएल का वास्ता रेल मंत्रालय से नहीं, रक्षा मंत्रालय से है। वह रेलवे को माल सप्लाई जरूर करती है। लेकिन ज्यादा नहीं। इसलिए बीईएमएल के शेयर अगर मामूली बढ़त लेकरऔरऔर भी

मेरे तईं रेल बजट बाजार के लिए कोई खास मायने नहीं रखता। हम बखूबी जानते हैं कि चाहे वो रेल बजट हो या आम बजट, सरकार के लिए धन जुटाना बड़ी समस्या है। फिर भी रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने सालों बाद किराया बढ़ाने की जुर्रत की है, जिसके लिए उनकी दाद देनी पड़ेगी। हालांकि मैं तो अर्थव्यवस्था की उस सूक्ष्म तस्वीर को पकड़ने की कोशिश कर रहा हूं जो निश्चित रूप से बजट के छोटे दायरेऔरऔर भी

बाजार इसलिए नहीं बढ़ रहा कि बजट में बहुत कुछ अच्छा होने वाला है, बल्कि उसके बढ़ने की सीधी वजह यह है कि ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला शुरू हो चुका है। 15 मार्च को रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.25 फीसदी की कमी कर सकता है। इन्हीं उम्मीदों के बीच निफ्टी आज दिन के सर्वोच्च स्तर से एकदम करीब 5429.50 पर बंद हुआ है। यह कल से 1.31 फीसदी ऊपर है। निफ्टी फ्यूचर्स आज 5476औरऔर भी

अभी रेल बजट आने में पूरे एक हफ्ते बचे हैं। नए वित्त वर्ष 2012-13 का रेल बजट 14 मार्च को पेश किया जाना है। लेकिन रेल मंत्रालय ने तमाम जिंसों का मालभाड़ा अभी से 20 फीसदी तक बढ़ा दिया है। यह वृद्धि मंगलवार को गुपचुप कर दी गई। किसी तरह की तोहमत से बचने के लिए रेल मंत्रालय ने इसे मालभाड़ा को बढ़ाने के बजाय तर्कसंगत बनाने का नाम दिया है। इसके तहत असल में मालभाड़े कीऔरऔर भी

नए वित्त वर्ष 2012-13 का आम बजट 16 मार्च को पेश किया जाएगा। रेल बजट 14 मार्च को पेश होगा, जबकि आर्थिक समीक्षा 15 मार्च को संसद में पेश की जाएगी। मंगलवार को राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति में यह तय किया गया। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने मीडिया को बताया कि बजट सत्र 12 मार्च को राष्ट्रपतिऔरऔर भी

नए वित्त वर्ष 2012-13 का रेल बजट 5 मार्च को पेश किया जाएगा, जबकि आम बजट 6 मार्च को संसद में रखा जाएगा। आर्थिक समीक्षा रेल बजट के साथ सोमवार, 5 मार्च को ही पेश कर दी जाएगी। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को साफ कर दिया कि आम बजट इस बार पांच राज्यों  में घोषित विधानसभा चुनाव खत्म होने पर पेश किया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि इसकी तारीख अभी तय नहीं है। लेकिन 3औरऔर भी

भारतीय रेल के जिन जनरल डिब्बों और लोकल उपनगरीय ट्रेनों में देश के बूढ़े, बच्चे, महिलाएं और युवा जानवरों की तरह सफर करते हैं, सरकार का मानना है कि उससे उसे सबसे ज्यादा घाटा हो रहा है और इनके किरायों में वृद्धि करना अब अपरिहार्य हो गया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य (ट्रैफिक) वीनू एन माथुर का कहना है यात्री किरायों को बढ़ाए बगैर रेलवे के घाटे को संभालऔरऔर भी

रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इस साल के रेल बजट में ऐसी कोई नीतिगत घोषणा नहीं की थी। लेकिन भारतीय रेल अब रिटायरिंग रूम्स या प्रतीक्षालय का प्रबंध निजी हाथों में सौंपने जा रही है। इसकी शुरुआती राजधानी दिल्ली से की जा रही है। कहा जा रहा है कि इससे रेलवे स्टेशनों के प्रतीक्षालयों में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उत्तर रेलवे की योजना के अनुसार इस प्रकार के प्रतीक्षालयों में टीवी सेट और रूम सर्विसऔरऔर भी

रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों को गलत बताया कि उनका रेल बजट लोकलुभावन या पश्चिम बंगाल केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बजट में पूरे देश का ध्यान रखा है और हर क्षेत्र के लिए परियोजनाएं दी हैं। लोकसभा में वित्त वर्ष 2011-2012 का रेल बजट पेश करने के बाद संसद भवन में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए ममता ने सीपीएम के उस आरोप को भी गलत बताया कि उन्होंने रेलवे को कंगाल बनाऔरऔर भी