जब बाजार के प्रमुख खिलाड़ी लोकल नहीं, ग्लोबल हों तो देश की जमीन से उठी अच्छी लहरों को बाहर के झोंके उड़ा ले जाते हैं। ब्याज दरों में अप्रत्याशित कटौती से बाजार ऊपर-ऊपर चल रहा था। अमेरिका से भी बाजार के बढ़ने का आधार पीछे था। दस बजे तक निफ्टी 5342 तक चढ़ चुका था। लेकिन सूरज के सिर पर पहुंचते ही यूरोपीय बाजारों के कमजोरी के साथ खुलने के समाचार आ गए तो भारतीय बाजार भीऔरऔर भी