एक मनचले ने बैठा दिया चंचला को
अकेले इनफोसिस में इतना दम है कि वह पूरे बाजार को दबाकर बैठा सकता है। शुक्रवार को यह बात साबित हो गई। सेंसेक्स 238.11 अंक गिर गया, जिसमें से 201.82 अंक का योगदान अकेले इनफोसिस का था। वह भी तब, जब सेंसेक्स में इनफोसिस का योगदान 8.18 फीसदी है। सेंसेक्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज का योगदान सबसे ज्यादा 9.44 फीसदी और आईटीसी का उससे कम 9.02 फीसदी है। इस तरह सेंसेक्स में वजन के मामले में इनफोसिस तीससेऔरऔर भी
धन्य हैं लक्ष्मी के ये नए आराधक
जीवन है तो जरूरतें हैं और जब तक जरूरतें हैं, तब तक उन्हें पूरा करने की इच्छा है। पढ़-लिख खूब बड़ा बनने की इच्छा। खूबसूरत दिखने की इच्छा। किसी दिन आसमान छूने की इच्छा। विदेश जाने की इच्छा। अपने घर के बाद हरे-भरे फार्महाउस में रहने की इच्छा। छोटी-छोटी इच्छाएं हैं तो बड़ी-बड़ी इच्छाएं हैं। खुश रहने की ख्वाहिश, धनवान बनने की इच्छा, राज करने की चाहत, ज्ञानवान बनने की तमन्ना। इन इच्छाओं को जो भी पूराऔरऔर भी
दिवाली आई, पर दलिद्दर भागा नहीं
दिवाली की शुरुआत धनतेरस के पावन दिन से हो जाती है और वो दिन आज है। इस पवित्र दिन पर मैं आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मैं जानता हूं कि यह कॉलम आप लोग नियमित रूप से और बेहद संजीदगी से पढ़ते हैं। अपने प्रति इतना भरोसा दिखाने के लिए मैं आप सभी का शुक्रगुजार हूं। शेयर बाजार से बुरे दौर का दलिद्दर अभी तक पूरी तरह भागा नहीं है। पर, निश्चित रूप से इसकाऔरऔर भी
बाजार पागल सांड है कि गादर बैल!
दुनिया नाम के पीछे भागती है और दुनिया जिसके पीछे भागती है उसके दाम अपने-आप ही बढ़ जाते हैं, उसकी स्टार-वैल्यू बन जाती है। बेहतर एक्टर होने के बावजूद मनोज बाजपेयी को पान मसाला बेचना पड़ता है और औसत एक्ट्रेस होने के बावजूद प्रियंका चोपड़ा हर तरफ मटकती रहती हैं। आम जीवन का यह सूत्र शेयर बाजार पर भी लागू होता है। लेकिन हमारे बाजार में इसका उल्टा भी चलता है। लोग जिसके पीछे पड़ जाएं, उसेऔरऔर भी
दीप ज्ञान का
ज्ञान और प्रकाश के माहौल में ही लक्ष्मी बढ़ती हैं, फलती फूलती हैं। अज्ञान और अंधकार के बीच वे नष्ट हो जाती हैं। दीपावली पर जलाए जानेवाले दीप प्रकाश और ज्ञान के ही प्रतीक हैं। राम की वापसी तो बस कहानी है।और भीऔर भी
सुख की तीन देवियां
लक्ष्मी धन-संपदा लाती हैं। दुर्गा हमें निर्भय बनाती हैं। लेकिन धन-दौलत और सुरक्षा से ही कोई सुखी इंसान नहीं बन जाता है। सुख की तीसरी शर्त पूरी करती हैं संगीत, कला और विद्या की देवी सरस्वती।और भीऔर भी
बेगम के चक्कर में डूबती है लक्ष्मी
आपने भी देखा होगा। मैंने भी देखा है। सड़क के किनारे, गली के नुक्कड़ पर, बस अड्डों के पास, ट्रेन के डिब्बों में कभी-कभी एक आदमी नीचे बैठा ताश के छह पत्तों को उल्टी तरफ से दो-दो की जोडियों में खटाखट तीन सेट में रखता जाता है। आसपास कम से कम तीन लोग खड़े रहते हैं जो उसे घेरकर दांव लगाते हैं। दांव यह होता है कि जिसके बताए पत्ते के पलटने पर बेगम निकलेगी, उसके सौऔरऔर भी