टीम अण्णा देश में जन आंदोलन की नई तैयारी में जुट गई है। इस सिलसिले में अण्णा हज़ारे के गांव रालेगण सिद्धि में उनका दो दिन का जमावड़ा शनिवार से शुरू हो गया। पहले दिन की बैठक में तय हुआ है कि भूमि अधिग्रहण, चुनाव सुधार, जन प्रतिनिधियों को वापस बुलाने और उन्हें खारिज करने के अधिकार समेत सांसदों के प्रदर्शन का लेखा-जोखा कराने के संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखेंगे। भूमि अधिग्रहण जैसे संवेदनशीलऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में हर तरफ फैले भ्रष्टाचार को आर्थिक उदारीकरण व सुधारों का नतीजा मानने के बजाय नैतिक ताने-बाने से जुड़ी समस्या करार दिया है। लेकिन आईआईटी खड़गपुर के छात्रों ने उनके हाथ से डिग्री लेने से इनकार कर खुद उनकी नैतिकता पर सवालिया निशान लगा दिया है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को कोलकाता में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार आम आदमी के रोजमर्रा केऔरऔर भी

अपने को ‘कमज़ोर’ प्रधानमंत्री बताए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें कांग्रेस पार्टी ने यह जिम्मेदारी सौंपी है और उसकी ओर से उन्हें ऐसी कोई ‘प्रतिकूल’ टिप्पणी सुनने को नहीं मिली है। अरसे बाद बुधवार को मीडिया से सीधे बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार को ‘निष्क्रिय’ और ‘कमजोर’ बताए जाने को विपक्ष का ‘कुशल दुष्प्रचार’ बताया और कहा कि मीडिया का एक वर्ग भी इसके प्रभावऔरऔर भी

लगता है कि सरकार अण्णा हजारे व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के साथ किसी टकराव से बचना चाहती है। पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें लोकपाल के दायरे में आने में कोई आपत्ति नहीं है और अब इस मुद्दे पर सबसे मुखर, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्ब्ल कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री को पद पर रहते नहीं, लेकिन पद छोड़ने के बाद लोकपाल के दायरे में लाया जा सकता है। सिब्बल ने समाचार चैनलऔरऔर भी

देश की सबसे प्रतिष्ठित और दूसरी सबसे बडी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी इनफोसिस के रोजमर्रा के कामकाज से मुक्त होने के बाद एन आर नारायणमूर्ति नई सामाजिक भूमिका अपनाते दिख रहे हैं। कुछ दिन पहले ही उन्होंने अण्णा हज़ारे व अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं से समान राय रखते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री व न्यायपालिका को लोकपाल के अंतर्गत ले आना चाहिए, जबकि सरकार पूरी तरह इसके खिलाफ है। आज, शुक्रवार को उन्होंने बेलाग अंदाज में कह दिया किऔरऔर भी

गांधीवादी नेता अण्णा हज़ारे ने घोषणा की है कि अगर सरकार ने भ्रष्टाचार से निपटने के मुद्दे पर जनता का साथ नहीं दिया तो वे 16 अगस्त से जंतर मंतर पर ‘देश की आजादी’ की दूसरी लड़ाई शुरू करेंगे। योगगुरू बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान पर हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ बुधवार को अपने सहयोगियों के साथ राजघाट पर अनशन शुरू करने के बाद दोपहर करीब सवा बारह बजे अपने संबोधन में हज़ारे नेऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ग्राहक सेवाओं को लेकर बैंकों के प्रति अपना रुख कड़ा करनेवाला है। बहुत संभावना है कि सेबी के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन की अध्यक्षता में बैंकों की ग्राहक सेवाओं पर गठित समिति हफ्ते भर बाद 15 फरवरी को अपनी रिपोर्ट रिजर्व बैंक को सौंप देगी। वैसे, यह रिपोर्ट के आने में करीब दो हफ्ते की देर हो चुकी है क्योंकि रिजर्व बैंक ने 2 नवंबर 2010 को मौद्रिक नीति की दूसरी त्रैमासिक समीक्षा में कहाऔरऔर भी

अनेक घोटालों पर विपक्ष के हमलों से घिरी सरकार ने एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है जिसमें प्रधानमंत्री समेत लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एक लोकपाल बनाने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि सरकार 25 जनवरी से पहले अध्यादेश लाना चाहती है ताकि गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति के राष्ट्र के नाम संदेश में इसका उल्लेख हो सके। सूत्रों ने यह भी कहा कि कैबिनेट की गुरुवार कोऔरऔर भी