जानते हैं जमीन का सच!
2010-09-12
वनाधिकार कानून, 2005 को पारित करते समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माना था कि आजादी के बाद के छह दशकों तक आदिवासियों के साथ अन्याय होता रहा है और इस कानून के बाद उन्हें न्याय मिल पाएगा। लेकिन दक्षिण राजस्थान के वनों में वनाधिकार का हाल सरकार की दोहरी मानसिकता दर्शाता है। ‘‘कानून में पटवारी फैसला नहीं लेता है। कानून में तो वह वनाधिकार समिति के साथ मिलकर कितना खसरा, कितना रकबा पर कितना कब्जा है, यहऔरऔर भी