विश्व बैंक के मुताबिक बिजनेस करने की सहूलियत के बारे में दुनिया के 183 देशों में भारत का 132वां नंबर है। एक साल पहले 2011 में यह रैंकिंग इससे भी सात पायदान नीचे 139 पर थी। कमाल है, भ्रष्टाचार के मामलों के खुलने के बाद देश की रैंकिंग चढ़ गई! खैर, दुनिया में फिलहाल बिजनेस करने की सहूलियत को लेकर सिंगापुर पहले नंबर पर है। चीन, ब्राजील या रूस को तो छोड़िए, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका व नेपालऔरऔर भी

रिजर्व बैंक से लेकर वित्त मंत्रालय तक पिछले कई सालों से वित्तीय समावेश का ढिढोरा पीट रहा है। लेकिन आंकड़ों और घोषणाओं से परे विश्व बैंक की एक ताजा सर्वे रिपोर्ट कुछ और ही हकीकत बयां करती है। बताती हैं कि हम अब भी दुनिया से कितना पीछे हैं। विश्व बैंक की तरफ से कराए गए इस अध्ययन से पता चलता है कि भारत में 35 फीसदी लोगों के पास ही बैंक खाते हैं, जबकि दुनिया काऔरऔर भी

स्ट्राइड्स आर्कोलैब है तो 1990 में बनी और बैंगलोर में जमी भारतीय फार्मा कंपनी, लेकिन इसका तंत्र विश्व स्तर पर फैला हुआ है। अमेरिका, ब्राजील, मेक्सिको, इटली, पोलैंड व सिंगापुर में उत्पादन संयंत्र हैं तो करीब 70 देशों में मार्केटिंग नेटवर्क। देश में इसकी उत्पादन इकाइयां बैंगलोर, मैंगलोर, भरुच (गुजरात) और बोइसर (ठाणे, महाराष्ट्र) में हैं। बनाती तो जेनेरिक से लेकर ब्रांडेड फार्मा उत्पाद है। लेकिन ज़ोर स्टेराइल इंजेक्टेबल्स पर है। वह दुनिया के सबसे बड़ी सॉफ्टऔरऔर भी

अभी तक बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी कहते रहे थे कि स्विस बैंकों में भारतीयों ने 25 लाख करोड़ रुपए की काली कमाई जमा कर रखी है। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सरकार को घेरनेवाले जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी तक इस काले धन की मात्रा 17 लाख करोड़ रुपए बताते रहे हैं। लेकिन अब खुद सरकार की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने खुलासा किया है कि विदेशी बैंकों में भारतीयों के करीब 24.5औरऔर भी

विश्व अर्थव्यवस्था इस समय ‘खतरनाक दौर’ में जा पहुंची है। यूरोप मंदी की चपेट में आ चुका है। यह किसी ऐरे-गैरे का नहीं, बल्कि विश्व बैंक का कहना है। साथ ही उसका यह भी कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर चालू वित्त वर्ष 2011-12 में 6.8 फीसदी रहेगी, जबकि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का नया अनुमान 7 से 7.5 फीसदी का है। पिछले वित्त वर्ष 2010-11 में भारत का जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 8.5 फीसदीऔरऔर भी

साल 2012 में बाजार का पहला दिन। हर ब्रोकरेज हाउस व बिजनेस अखबार नए साल के टॉप पिक्स लेकर फिर हाजिर हैं। चुनने के लिए बहुत सारे विकल्प सामने हैं। ऐसे में आपको और क्यों उलझाया जाए! हालांकि अगर साल 2011 के टॉप पिक्स का हश्र आपके सामने होगा तो शायद आपने इस हो-हल्ले को कोई कान ही नहीं दिया होगा। इन पर ध्यान देना भी नहीं चाहिए क्योंकि ढोल, झांझ, मजीरा व करताल लेकर यह मंडलीऔरऔर भी

भारतीय अर्थव्यवस्था विकास के रास्ते पर है और 2008 की मंदी के बाद पिछले दो वर्षों में अर्थव्यवस्था की औसत विकास दर आठ फीसदी रही है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बुधवार को न्यूयॉर्क में इंडिया इनवेस्टमेंट फोरम को संबोधित करते हुए भरोसा जताया कि इस साल भी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की विकास दर 8 फीसदी रहेगी। अगले साल मार्च से शुरू हो रही 12वीं पंचवर्षीय योजना में जीडीपी में विकास का सालाना लक्ष्य नौ फीसदीऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी बुधवार 21 सितंबर की सुबह अमेरिका की पांच दिन की यात्रा पर निकल रहे हैं। इस दौरान विदेशी निवेशकों व उद्योगपतियों से बातचीत के अलावा वे विश्व बैंक व अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की सालाना बैठकों में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वहां ब्रिक्स देशों (ब्राजील, भारत, चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका) के वित्त मंत्रियों की एक बैठक भी होगी। साथ ही जी-24 की अध्यक्षता भारत को सौंपी जाएगी। वित्त मंत्री शनिवार 25 सितंबर को अमेरिकाऔरऔर भी

हमारे राष्ट्रीय सांख्यिकीय संगठन (एनएसओ) के तार दुनिया के तमाम संगठनों से जुड़े हुए हैं। इनमें विश्‍व बैंक, अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), अंतरराष्‍ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ), एशिया विकास बैंक (एडीबी), विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ), ओईसीडी के साथ ही संयुक्त राष्ट्र से जुड़े यूनेस्‍को व यूएनीडपी जैसे कई संगठन शामिल हैं। सांख्‍यिकीय और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक एनएसओ मूलतः उसका सांख्यिकीय खंड है। वैसे तो इन अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों में काम करनेऔरऔर भी

देश के सबसे ज्यादा गरीब 12 राज्यों में से किसी को भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) में दिलचस्पी नहीं है। इस मिशन का संचालन केंद्र सरकार विश्व बैंक के साथ मिलकर कर रही है और इसके लिए विश्व बैंक ने 4600 करोड़ रुपए का उधार देने का करार किया है। राज्यों के इस ठंड रवैये की जानकारी केन्‍द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। उन्होंनेऔरऔर भी