किसी भी शेयर में निवेश करते समय हम यह सोचते हैं कि इससे हम कितना कमा सकते हैं। लेकिन पहले सोचना यह चाहिए कि हम इसमें कितना गंवा सकते हैं क्योंकि निवेश के सभी माध्यमों में सबसे ज्यादा जोखिम शेयरों में ही होता है। इसलिए जोखिम की पूरी मानसिक तैयारी के बिना इसमें कूद पड़ता ‘स्वास्थ्य के लिए हानिकारक’ है। आज चर्चा इलेक्ट्राल बनानेवाली कंपनी एफडीसी की। दवा उद्योग की कंपनी है। बल्क फार्मूलेशन और एंटी ऑक्सीडेंटऔरऔर भी

इंडियन मेटल एंड फेरो एलॉयज (बीएसई कोड – 533047, एनएसई कोड – IMFA) देश में फेरोक्रोम की सबसे बड़ी निर्माता है। दुनिया में फेरो एलॉयज की सबसे बड़ी निर्माताओं में शुमार है। हमने अपने चक्री चमत्कार कॉलम में सबसे पहले इसका जिक्र इस साल मार्च में किया था। तब इसका 10 रुपए अंकित मूल्य का शेयर 560 रुपए के आसपास चल रहा था। अभी 729 रुपए पर है। इस बीच 4 मई को इसने 899.95 रुपए परऔरऔर भी

कैल्स रिफाइनरी में कल बीएसई के बी ग्रुप में सबसे ज्यादा शेयरों का कारोबार हुआ। महज 3525 सौदों में उसके करीब 3.45 करोड़ शेयरों का लेन-देन हुआ। और, यह सिलसिला अभी से नहीं, हफ्तों से चल रहा है। पिछले दो हफ्ते में हर दिन औसतन उसके 3.92 करोड शेयरों के सौदे हुए हैं। चौंकिए मत, इसके 1 रुपए अंकित मूल्य के शेयर का भाव है 33 पैसे, जी हां मात्र 33 पैसे। आप कहेंगे कि बड़ी घटियाऔरऔर भी

इस सेटलमेंट में अब केवल एक दिन बचा है। लेकिन बाजार में और बढ़त आ सकती है केवल इसलिए कि अभी सौदों की स्थिति बहुत ही ज्यादा ओवरसोल्ड वाली है। कल का डर आपकी सोच के दरवाजे बंद कर देता है और आप एक अच्छा मौका गंवा देते हैं। वोलैटिलिटी सूचकांक, इंडिया वीआईएक्स का 20 फीसदी के सामान्य स्तर से एकबारगी 46 फीसदी पर पहुंच जाना ही दिखाता है कि बाजार पर किस हद तक डर छायाऔरऔर भी

जेनबर्क्ट फार्मास्यूटिकल्स का शेयर शुक्रवार को 71.75 रुपए तक जाकर 52 हफ्तों के शिखर पर पहुंच गया। लेकिन बंद हुआ तो गुरुवार के बंद भाव 68.30 रुपए से 4.69 फीसदी गिरकर 65.10 रुपए पर। यह कंपनी केवल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड है। इसका शेयर बी ग्रुप में है और इसका अंकित मूल्य 10 रुपए है। पिछली चार तिमाहियों के वित्तीय परिणामों के आधार पर इसका टीटीएम (ट्रेलिंग ट्वेल्व मंथ) ईपीएस 7.51 रुपए है। इस तरह मौजूदाऔरऔर भी

आप शेयरों या म्यूचुअल फंड में निवेश करने के 365 दिन या साल भर बाद उसे बेचकर जो भी कमाई करते हैं, उस पर कोई टैक्स नहीं लगता। एक तो साल भर के बाद इस निवेश को लांग टर्म माना जाता है और लांग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स की दर इस समय ज़ीरो है। दूसरे इससे जो भी लाभ होगा, उस पर आप सिक्यूरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स दे चुके होते हैं। फिर आप ने यह धन जोखिम उठाकरऔरऔर भी