सुधार और क्रांति
2011-09-07
जो लोग सुधारों की हर गुंजाइश को परखते हुए बढ़ते हैं, वे एक दिन व्यापक क्रांति के संवाहक बन सकते हैं। लेकिन जो लोग सीधे क्रांति को लपकना चाहते हैं, वे अंततः जनता से कटकर अवसरवादी बन जाते हैं।और भीऔर भी
जो लोग सुधारों की हर गुंजाइश को परखते हुए बढ़ते हैं, वे एक दिन व्यापक क्रांति के संवाहक बन सकते हैं। लेकिन जो लोग सीधे क्रांति को लपकना चाहते हैं, वे अंततः जनता से कटकर अवसरवादी बन जाते हैं।और भीऔर भी
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