महीने के शुरू में एनालिस्ट समुदाय में भारी कयासबाजी चल रही थी कि दिसंबर का महीना ऐतिहासिक रूप से तेजी लेकर आता है और इस बार 4 से 10 फीसदी तेजी आ सकती है। लेकिन महीना खत्म होने को है और अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। आज समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने भी एक कयास भरी रिपोर्ट चलाई है कि जनवरी ऐतिहासिक रूप से बाजार के धसकने का महीना है और इस बार सेंसेक्स 10औरऔर भी

भारत दुनिया की खबरों पर बार-बार उठ्ठक-बैठक कर रहा है, जबकि सबसे विकट हालत में फंसे देश अमेरिका का शेयर सूचकांक, डाउ जोंस 12,000 के स्तर को कसकर पकड़े बैठा है। जब भी कभी यह 12,000 के नीचे जाता है तो फौरन रॉकेट की तरह खटाक से वापस आ जाता है। इसी तरह एस एंड पी 500 सूचकांक ने भी एक ढर्रा बना रखा है और 1250 के आसपास खुद को जमा रहा है। यह उसका ब्रेक-आउटऔरऔर भी

संसद में छाया राजनीतिक गतिरोध सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को रिटेल में एफडीआई या सिविल एविएशन को विदेशी एयरलाइंस के लिए खोलने जैसे बड़े फैसले नहीं लेने देगा। अभी तक इस सेटलमेंट में इन दोनों ही सेक्टरों के स्टॉक्स काफी ज्यादा खरीदे जा चुके हैं। अब वे कैश सेटलमेंट के नए शिकार हैं। इसलिए इनमें खरीद करते वक्त काफी सावधान रहने की जरूरत है। पिछले सेटलमेंट में मैंने आपको डिश टीवी के बारे में जो बताया था, वोऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने चेयरमैन यू के सिन्हा का कहना है कि शेयर बाजार को सट्टेबाजों का बाजार नहीं समझा जाना चाहिए। लेकिन उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि भारतीय शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की भागीदारी मात्र आठ फीसदी पर अटकी हुई है, जबकि चीन तक में यह 30 फीसदी के आसपास पहुंच चुकी है। श्री सिन्हा ने मुंबई में वित्तीय समावेश पर स्कॉच द्वारा आयोजित एक सम्मेलनऔरऔर भी

आखिरकार नॉर्थ ब्लॉक में राजनीतिक गतिरोध टूटता हुआ दिख रहा है। आठ सालों बाद वित्त मंत्रालय विनिवेश का पल्लू छोड़कर पूरी तरह निजीकरण की तरफ निर्णायक कदम बढ़ा रहा है। स्कूटर्स इंडिया को बेचने का फैसला हो चुका है। राज्यों के चुनाव नतीजों ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच व कार्रवाई को लेकर सारी उहापोह खत्म कर दी है। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) इसकी जांच कर ही रही है। डीएमके को अवाम ने सत्ता से बाहरऔरऔर भी

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हारून लोर्गट का मानना है कि भारतीय उप महाद्वीप में सट्टेबाजी को वैध कर देना चाहिए। इससे सट्टेबाजों पर निगाह रखने में मदद मिलेगी और ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना भी आसान हो जाएगा।’ लोर्गट ने कहा, ‘‘यदि इस कारोबार को वैध बना दिया जाता है तो फिर आप वास्तव में उनके साथ मिलकर काम करोगे। ऐसे में उन पर बेहतर तरीके से निगरानी रखी जा सकती है। यदिऔरऔर भी

शेयर बाजार की महत्ता हम लोग नहीं समझते। लेकिन पिछले आठ सालों में शेयर बाजार में सौदों की मात्रा में जबरदस्त इजाफा हुआ है। 2002-03 में यहां साल भर में हुई कुल ट्रेडिंग देश के सकल घेरलू उत्पाद (जीडीपी) का 57.28% थी। लेकिन 2010-11 में यह आंकड़ा 517.30% का हो गया। यानी, हमारी अर्थव्यवस्था का जो आकार है, उसकी पांच गुना से ज्यादा ट्रेडिंग शेयर बाजार में होने लगी है। वैसे इसमें से 445.91% ट्रेडिंग ऑप्शंस वऔरऔर भी

बाजार को कल ही आईआईपी (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक) के शानदार आंकड़ों के बाद 5600 के पार चला जाना चाहिए था। लेकिन भारतीय बाजार ने एक बार फिर साबित कर दिखाया कि वह कुछ ट्रेडरों और एफआईआई के कार्टेल के शिकंजे में है जो फिजिकल सेटलमेंट के अभाव में बाजार को जब चाहें, मनमर्जी से नचा सकते हैं। रिटेल निवेशक आईआईपी के घोषित होने के बाद उत्साहित होकर खरीद बढ़ाने लगे तो इस कार्टेल ने निफ्टी पर चोटकरऔरऔर भी

करीब छह महीने पहले नवंबर में हल्ला उठा था कि 3आई इनफोटेक में वन-मैन आर्मी (केतन पारेख) ने एंट्री ले ली है। फिर जनवरी-फरवरी में इस खबर ने दोबारा जोश मारा कि आईसीआईसीआई बैंक 3आई इनफोटेक में अपनी पूरी की पूरी 20.33 फीसदी बेचने जा रहा है। ये दोनों ही सूचनाएं हमने सबसे पहले पेश कीं। अब बड़े बिजनेस चैनल ने सूत्रों के हवाले खबर दी थी कि 3आई इनफोटेक की हिस्सेदारी आईसीआईसीआई बैंक आईबीएम को बेचनेऔरऔर भी

निराशावाद का साया बाजार से हटने को राजी नहीं है। हवा फैलाई जा रही है कि निफ्टी 5000 या 4800 तक भी जा सकता है क्योंकि वह 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) को नीचे में तोड़ चुका है। आज सुबह 10 बजे निफ्टी को तोड़कर 5525 तक ले जाया गया। लेकिन बाद में वह 0.43 फीसदी की बढ़त के साथ 5565.05 पर बंद हुआ। इस दौरान ज्यादातर पंटरों ने भी निफ्टी में 5700 की सीरीज कीऔरऔर भी