चीजें जो कल थीं, आज नहीं हैं। आज जैसी हैं, वैसी कल नहीं रहेंगी। परिवर्तन का यही नियम है। यही जीवन है। इसलिए कल से चिपके रहने या आज को लेकर रोते रहने का कोई मतलब नहीं। सबक लो, बढ़ते चलो। यही सही है और उचित भी।और भीऔर भी