खाद्य वस्तुओं पर आधारित मुद्रास्फीति लगातार दो सप्ताह तक इकाई अंक में रहने के बाद खाद्य मुद्रास्फीति फिर दहाई अंक में पहुंच गई है। सब्जी, फल, अंडा और मछली जैसी चीजों के दाम बढ़ने से 12 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 10.05 फीसदी हो गई। इससे पिछले सप्ताह में यह 9.42 फीसदी थी और उससे पहले हफ्ते में यह 9.52 फीसदी थी। खाद्य मुद्रास्फीति में इस वृद्धि से सरकार और रिजर्व बैंक कीऔरऔर भी

प्याज के साथ-साथ अब फाइबर, खनिज, पेट्रोल, एलपीजी और डीजल भी महंगाई में पलीता लगाने लग गए हैं। सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार 22 जनवरी 2011 को समाप्त सप्ताह में प्याज की थोक कीमतें साल भर पहले की तुलना में जहां 130.41 फीसदी बढ़ी हैं, वहीं फाइबर 47.13 फीसदी, खनिज 16.70 फीसदी, पेट्रोल 30.75 फीसदी, एलपीजी 14.99 फीसदी और डीजल के दाम 14.71 फीसदी बढ़ गए हैं। कुल मिलाकर 22 जनवरी को खत्म हफ्ते में खाद्यऔरऔर भी

मानसून की समाप्ति और खरीफ फसलों की आमद शुरू होने के बाद नवंबर के पहले हफ्ते में खाद्य मुद्रास्फीति दो फीसदी घटकर तीन माह के निचले स्तर 10.30 फीसदी पर आ गई। मुद्रास्फीति में आई इस नरमी से यह उम्मीद बन रही है कि जल्दी ही यह दस फीसदी से नीचे आ जाएगी। बारिश खत्म होने के बाद देश भर की मंडियों में खरीफ फसलों की आवक बढ़ने से खाद्य मुद्रास्फीति में लगातार पांचवें सप्ताह नरमी देखनेऔरऔर भी

आलू, प्याज और दूसरी सब्जियों की आपूर्ति में सुधार से 23 अक्तूबर को समाप्त सप्ताह में थोक मूल्य पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति की दर करीब फीसदी नीचे खिसककर 12.85 फीसदी रह गई। यह लगातार तीसरा सप्ताह है जब खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख रहा है। एक सप्ताह पहले यह 13.75 फीसदी दर्ज की गई थी। बुधवार को जारी सरकारी आंकडों के अनुसार सालाना आधार पर आलू के दाम 51.22 फीसदी तक नीचे आ गए जबकि सब्जियोंऔरऔर भी