डाउ जोन्स में आई 165 अंकों की बढ़त और देश के गृहमंत्री पी चिदंबरम को 2जी स्पेक्ट्रम मामले में मिली राहत ने आज बाजार के बढ़कर खुलने की जमीन तैयार कर दी थी। लेकिन जैसी कि मुझे उम्मीद थी, वो खुद को टिकाए नहीं रख सका। निफ्टी 5390.05 तक जाकर नीचे उतर आया और 0.67 की बढ़त के साथ 5361.65 पर बंद हुआ। जब हर तरफ से बुरी खबरें आ रही थी, तब बाजार के सारे लोगऔरऔर भी

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) स्थानीय ब्रोकरों के साथ मिलाकर भारतीय शेयर बाजार को नचाने के लिए कंपनियों के जीडीआर इश्यू तक का इस्तेमाल करते हैं। यह ऐतिहासिक खुलासा पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने पूरे साक्ष्यों के साथ किया है। इस सिलसिले में बुधवार को सुनाए गए आदेश में सेबी ने पांच एफआईआई व उनके सब-एकाउंट और पांच ब्रोकरेज फर्मों पर रोक लगा दी है। साथ ही कहा है कि इस खेल में बिचौलिये की भूमिका निभानेवालीऔरऔर भी

बाजार में निराशावादी अब भी मंदड़ियों की पताका लहरा रहे हैं। हर बढ़त का इस्तेमाल नए शॉर्ट सौदों के लिए किया जा रहा है। मुझे पक्का नहीं है कि एफआईआई आगे क्या करने जा रहे हैं क्योंकि वे विशुद्ध ट्रेडर बन चुके हैं और ऑप्शन प्रणाली के जरिए ट्रेडिंग के लिए अल्गोरिथम का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि उन्हें आखिरकार इसमें नुकसान ही उठाना पड़ेगा क्योंकि भारतीय बाजार में वो गहराई व विस्तार नहीं है जहां अल्गोरिथमऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने आईपीओ में शेयरों के दाम अधिक रखने पर चिंता जताई है। सेबी के चेयरमैन सी बी भावे में शुक्रवार को मुंबई में मर्चेंट बैंकिंग उद्योग पर आयोजित एक समारोह में कहा कि इनवेस्टमेंट बैंकरों को आपसी होड़ में पब्लिक इश्यू में जारी शेयरों के दाम बढ़ाने के बजाय निवेशकों के हितों का भी ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब बहुत सारे इश्यू आ रहे हों और बाजार अच्छा हो तोऔरऔर भी

इस समय भारतीय शेयर बाजार में कुल 1702 एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) और उनसे जुड़े 5382 सब-एकाउंट काम कर रहे हैं। एफआईआई तो अमेरिका से लेकर ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे तमाम देशों के हैं। लेकिन ज्यादातर सब-एकाउंट मॉरीशस के हैं। म़ॉरीशस का पता रखने से फायदा यह होता है कि उन्हें भारतीय शेयर बाजार से की गई कमाई पर किसी भी सूरत में कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। दूसरी तरफ भारतीय निवेशक को एक साल केऔरऔर भी