समुद्र की बूंद
यहां से वहां तक समुद्र। लहरों के बीच में हम। गले तक पानी। धरती नजर ही नहीं आती। कितना घबराते हैं हम! लेकिन समुद्र की बूंदें तो लहरों के साथ कुलांचे मारती हैं। हम भी तो बूंद ही हैं जन समुद्र की।और भीऔर भी
यहां से वहां तक समुद्र। लहरों के बीच में हम। गले तक पानी। धरती नजर ही नहीं आती। कितना घबराते हैं हम! लेकिन समुद्र की बूंदें तो लहरों के साथ कुलांचे मारती हैं। हम भी तो बूंद ही हैं जन समुद्र की।और भीऔर भी
पिछले दिनों कानून व व्यवस्था से जुड़ी एजेंसियों को मुंबई के पास समुद्री सीमा में कुछ कुख्यात सोमालिया डाकुओं या जल-दस्युओं को धर दबोचने में बड़ी कामयाबी मिली। इन डाकुओं से पूछताछ में कई खतरनाक रहस्य उजागर हुए हैं। इसके अलावा पिछले साल दिसंबर में भी एक भारतीय जहाज जल-दस्युओं के शिकंजे में फंस गया था। बढ़ता आतंक: गत दिनों भी एक भारतीय कंपनी का मालवाहक जहाज अदन की खाड़ी से गुजरते हुए कुख्यात सोमालियाई डाकुओं केऔरऔर भी
मेरी मानिए तो आज सिर्फ और सिर्फ बजट को देखिए। देखिए कि बाजार उसे कैसे लेता है और सोचते रहिए कि भविष्य के निवेश की प्लानिंग कैसे करेंगे। वैसे तो बजट के सारे दस्तावेज आपको सरकार की खास वेबसाइट पर मिल जाएंगे। लेकिन मेरा कहना है कि 11 बजे से लोकसभा में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के भाषण को ध्यान से सुन लेंगे तो मोटामोटी तस्वीर साफ हो जाएगी। निवेश के लिहाज से बजट में क्या देखा-सुनाऔरऔर भी
निर्वात कभी स्थाई नहीं होता, न अंदर न बाहर। वो बस कुछ पलों के लिए होता है क्योंकि बनते ही उसे भरने का तेज क्रम शुरू हो जाता है। वायुमंडल में हवाओं का तूफान आ जाता है तो समुंदर में लहरों का भूचाल।और भीऔर भी
तीन तरफ से घिरे हमारे देश में समुद्र की लहरों से 8000 मेगावॉट बिजली बनाई जा सकती है। अक्षय ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शक्रवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार शहरों के सब्जी बाजारों, बूचड़ खानों और खेती से निकलने वाले कचरे का इस्तेमाल बिजली उत्पादन में करने के काम को बढ़ावा दे रही है। उनका कहना था कि हम ‘शहरी अपशिष्ट से ऊर्जा निर्माण’औरऔर भी
चलने पर चौराहे नहीं, अठराहे भी मिल सकते हैं। लेकिन चलने से ही राहें खुलती हैं। चलिए तो समुद्र भी दोफाड़ होकर आपकी राह संवार देता है। तो, काहे रुके हो भाई! चलो तो सही। मंजिल आपकी बाट जोह रही है।और भीऔर भी
समुद्र में कहीं से पानी उठाओ, वह खारा ही निकलेगा। उसमें एक ही तरह के खनिज मिलेंगे। इसी तरह समाज के हर तबके में अच्छे-बुरे, दुष्ट-सज्जन लोग मिलते हैं। ऊंची डिग्रियों से किसी का मूल स्वभाव नहीं बदलता।और भीऔर भी
चीन और भारत के बीच अभी तक टेलिकॉम के तार समुद्र में बिछी केबलों के जरिए जुड़े हैं। लेकिन भूकंप वगैरह के चलते इनके नष्ट हो जाने का खतरा है। इसलिए दोनों देशों को जमीन के भीतर केबल से जोड़ने की योजना पर काम शुरू किया जा रहा है। इस विशाल परियोजना के लिए चीन की सबसे बड़ी फिक्स्ड लाइन टेलिफोन कंपनी चाइना टेलिकॉम भारत के तमाम टेलिकॉम ऑपरेटरों से बातचीत कर रही है। इस प्रस्तावित केबलऔरऔर भी
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